कल का रोड शो ऐतिहासिक बनाएंगे शाह और योगी; रणनीति तैयार
पीएम मोदी के रोड शो में काशी की संस्कृति, परंपरा एवं विरासत को तरजीह दी जा रही है। काशी को लघु भारत भी कहा जाता है। इसे रोड शो का थीम बनाया गया है। इसी आधार पर पूरा इवेंट सजाया जा रहा है। रोड शो में जितने भी मंच बनेंगे उसे विभिन्न जाति-धर्म व समुदाय के लोक कलाकारों से सुशोभित किया जाएगा। उनकी वेश-भूषा भी पारंपरिक होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 मई को काशी में रोड शो और 14 मई को नामांकन करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं संग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो और नामांकन को ऐतिहासिक बनाने की रणनीति बनाई। एक अनुमान के अनुसार पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में लगभग 22 घंटे रहेंगे।
दोनों नेता शनिवार की शाम वाराणसी पहुंचे। अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशाश्वमेध में होने वाली मां गंगा आरती में शामिल हुए और भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के लिए आशीर्वाद लिया। आरती के मंच पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद थे। आरती के बाद इन लोगों ने घाट पर आयोजित काशी की विकास यात्रा पर आधारित ड्रोन शो को भी देखा।
प्रधानमंत्री के रोड शो और उनके नामांकन के लिए तैयारियों का जायजा लेने आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे पहले माँ गंगा का आशीर्वाद लेने दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुए, जहां उन्होंने वाराणसी के सांसद, भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी और देश में भाजपा की प्रचंड जीत के लिए कामना की। इसके बाद गंगा के तट पर आयोजित काशी के डेवलपमेंट का ड्रोन शो भी देखा।
ड्रोन शो देख हुए मंत्रमुग्ध
दशाश्वमेध घाट के सामने गंगा पार से तीसरे दिन शनिवार को भी ड्रोन शो का भव्य आयोजन हुआ। इसके जरिए काशी में 10 साल के दौरान हुए विकास कार्य को दर्शाया गया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की मौजूदगी खास रही। काशी में अब तक हुए विकास का नजारा देख शाह अचंभित हुए।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मौजूदगी में आयोजित ड्रोन शो के दौरान काशी में पीएम मोदी के प्रयास से 10 साल के दौरान हुए विकास कार्यों को दर्शाया गया। इस प्रस्तुति में ड्रोन से आसमान में करीब 400 फीट की ऊंचाई पर लगभग 300 मीटर की चौड़ाई में लेजर शो का प्रदर्शन हुआ। इसके जरिए दिखायी गयी विविध कलाकृतियों ने काशी के सभी घाटों पर उपस्थित लोगों का मनमोह लिया।
इन कलाकृतियों में बाबा विश्वनाथ के डमरू से लेकर काशी की प्रसिद्ध मां गंगा आरती, भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर, भारत में बनी वंदे भारत ट्रेन के साथ भाजपा के निशान कमल, भाजपा का ध्वज और लोकसभा चुनावों में कमल के निशान पर वोट की अपील शामिल रही।
पीएम मोदी के 10 वर्षों के कार्यकाल को दिखाया
ड्रोन शो के माध्यम से काशी के कायाकल्प की दास्तां दिखाई गई और बताया गया कि पीएम मोदी के 10 साल के कार्यकाल के दौरान पुरातन काशी ने आधुनिकता का चोला धारण कर लिया है। एक सांसद के रूप में पीएम मोदी ने काशी में जो विकास की गाथा लिखी है, वह अविस्मणीय है। सिर्फ काशीवासी ही नहीं, देश-दुनिया के लोग यहां हुए विकास कार्य को देख आश्चर्यचकित है।
यहीं वजह है कि रोजाना लाखों की संख्या में लोग यहां हुए विकास कार्य को देखने आ रहे हैं। बात चाहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की हो या फिर नमो घाट समेत गंगा के समस्त घाटों के कायाकल्प की। मार्गों के चौड़ीकरण की बात हो या फिर रुद्राक्ष कंवेशन सेंटर, टीएफसी, बनारस रेलवे स्टेशन, कैंट रेलवे स्टेशन, वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन, रिंग रोड़, फुलवरिया फोर लेन के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्र में हुए विकास कार्य की।
काफी आकर्षक रहा ड्रोन शो
इस ड्रोन शो में 1000 स्मॉल नेनो केटेगरी ड्रोन का उपयोग किया गया, जो पूर्ण रूप से भारत की कंपनी ने डिजाइन और निर्माण किया है। प्रत्येक ड्रोन का वजन लगभग 250 ग्राम है। इन ड्रोन और इस शो का डिजाइन, कार्यान्वयन आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी के युवा संस्थापकों ने 2016 में इन ड्रोन को भारत में बनाने की खातिर रिसर्च और डेवलपमेंट किया गया था। भारत में बने ड्रोन और भारतीय युवाओं के इस ड्रोन शो के कार्यान्वयन ने प्रधानमंत्री मोदी के श्मेक इन इंडियाश् की सफलता को सिद्ध कर दिया है।
राज्यपाल को संस्कृत में लिखा हुआ अभिनंदन पत्र सौंपा गया
सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में भगवान बुद्ध कि शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षा व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से खुशहाल व पूर्ण जीवन जीने के लिए एक मार्ग है। बुद्ध ने हिंसा और संघर्ष को त्याग कर प्राकृतिक संसाधन को बिना नुकसान पहुंचाए विकास पर जोर दिया है। उक्त बातंे उन्होंने केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में आयोजित व्याख्यान में कहीं।
श्री आचार्य ने कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें भवतु सब्ब मंगलम अर्थात सभी के मंगल व कल्याण कि शिक्षा प्रदान की है। हमें मानवीय व्यथा, कष्ट, पीड़ा से परिचय कराते हुए उसके निवारण के लिए अपने जीवन को समर्पित करने की राह भी दिखाई है।