मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शानदार शुरुआत
सिनेमा जगत की उत्कृष्टता के एक सप्ताह के लिए मंच तैयार करते हुए, वृत्तचित्र, लघु कथा और एनिमेशन फिल्मों के लिए मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (MIFF-2024) के 18वें संस्करण का आज भारत सरकार के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री श्री सुधीर मुनगंटीवार भी मौजूद थे।
मुंबई में राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (NCPA) में जीवंत और चमकदार उद्घाटन समारोह हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा द्विवार्षिक रूप से आयोजित और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) द्वारा कार्यान्वित यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम फिल्म निर्माताओं, उद्योग के पेशेवरों और सिनेमा प्रेमियों के लिए एक समृद्ध अनुभव का वादा करता है। इस वर्ष MIFF पांच भारतीय शहरों में एक साथ स्क्रीनिंग और रेड कार्पेट कार्यक्रमों के साथ अपने पंख फैला रहा है। सात दिवसीय यह महोत्सव विश्व स्तरीय समानांतर सिनेमा के जादू को पूरे भारत के फिल्म प्रेमियों के करीब लाएगा।
अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि रोजगार सृजन और विकास में एवीजी क्षेत्र की बढ़ती क्षमता को देखते हुए सरकार जल्द ही मुंबई में एवीजीसी क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र बनाएगी। मंत्री ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन लाकर देश में पायरेसी को नियंत्रित करने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया।
दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को एक साथ लाने में एमआईएफएफ की भूमिका को रेखांकित करते हुए डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि वृत्तचित्र फिल्में अद्वितीय क्षमताओं, भावनाओं और मानवीय संबंधों को सच्चे और स्वाभाविक तरीके से प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने हमारे देश को दुनिया का कंटेंट हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “फिल्म सुविधा के लिए एकल खिड़की प्रणाली शुरू की गई है ताकि फिल्म निर्माताओं को भारत में शूटिंग के लिए आसान पहुंच और अनुमति मिल सके। हिमालय, पश्चिमी घाट, नीलगिरी, समुद्र तट और प्राचीन मंदिरों से लेकर भारत में फिल्मों की शूटिंग के लिए हमारे पास खूबसूरत स्थान हैं। सरकार विदेशी फिल्म निर्माताओं और कंपनियों को भारत में शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रोत्साहन दे रही है।” डॉ. एल. मुरुगन ने इस वर्ष वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार जीतने पर सुब्बैया नल्लमुथु को भी बधाई दी।
वन्यजीव फिल्म निर्माता सुब्बैया नल्लमुथु को वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया
उद्घाटन समारोह में, प्रसिद्ध पुरस्कार विजेता वन्यजीव फिल्म निर्माता श्री सुब्बैया नल्लमुथु को इस वर्ष के प्रतिष्ठित वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. एल. मुरुगन, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री और श्री सुधीर मुनगंटीवार, संस्कृति मंत्री, महाराष्ट्र सरकार ने पुरस्कार प्रदान किया। प्रतिष्ठित डॉ. वी. शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार एमआईएफएफ के प्रत्येक संस्करण में वृत्तचित्र फिल्मों और भारत में इसके आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान के लिए एक फिल्म निर्माता को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार महान फिल्म निर्माता वी. शांताराम की याद में स्थापित किया गया है, जो 1950 के दशक के दौरान मानद मुख्य निर्माता के रूप में फिल्म प्रभाग से निकटता से जुड़े थे। श्री सुब्बैया नल्लामुथु ने यह पुरस्कार अपने माता-पिता और परिवार को समर्पित किया, जिन्होंने उनकी फिल्म निर्माण यात्रा के दौरान उनका साथ दिया।
इस अवसर पर, MIFF अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता, राष्ट्रीय प्रतियोगिता और FIPRESCI के निर्णायक मंडल के सदस्यों – कीको बैंग, बार्थेलेमी फौगा, ऑड्रियस स्टोनिस, भारत बाला, मानस चौधरी, एडेल सीलमैन-एगबर्ट, डॉ बॉबी सरमा बरुआ, अपूर्वा बख्शी, मुंजाल श्रॉफ, अन्ना हेनकेल-डोनरस्मार्क और मेघचंद्र कोंगबाम को सम्मानित किया गया।
इस समारोह में भारतीय समानांतर सिनेमा और कला के महारथियों को श्रद्धांजलि फिल्म के माध्यम से भी दी गई। ऑडियो विजुअल फिल्म के माध्यम से मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की यात्रा को भी याद किया गया। भारत के सामाजिक नवप्रवर्तकों की कहानी बताने के लिए नेटफ्लिक्स द्वारा बनाई गई सार्वजनिक सेवा जागरूकता फिल्म ‘आजादी की अमृत कहानियां’ का ट्रेलर भी समारोह में जारी किया गया।
इससे पहले, नेशनल जियोग्राफिक की डॉक्यूमेंट्री, “बिली एंड मौली, एन ऑटर लव स्टोरी” के भारत में प्रीमियर के साथ फेस्टिवल की स्क्रीनिंग शुरू हुई, जिसका निर्देशन चार्ली हैमिल्टन जेम्स ने किया था। इस फिल्म में प्रेम की असीम गहराई और मनुष्य और प्रकृति के बीच के गहरे बंधन को दर्शाया गया है।
इस भव्य समारोह में मधुर भंडारकर, रिची मेहता, आनंद एल राय, दिव्या दत्ता, रणदीप हुड्डा, अभिषेक बनर्जी, सोनाली कुलकर्णी, दिव्येंदु, शरद केलकर, ताहा शाह, राहुल रवैल, सूरज ठाकुर, विनीत सिंह, अविनाश तिवारी, कैलाश खेर, उपासना, पंकज झा, सौरभ सचदेवा और आदिल हुसैन जैसी हस्तियाँ भी मौजूद थीं।
इस मनमोहक उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कलात्मक संगम देखने को मिला, जिसमें भारतीय एनीमेशन की यात्रा को दर्शाने वाला एक कार्यक्रम, श्रीलंका का एक सांस्कृतिक प्रदर्शन, क्रेजी किंग्स डांस क्रू द्वारा प्रस्तुत भारतीय एनीमेशन के इतिहास के माध्यम से 15 मिनट की एक आकर्षक यात्रा, भारत के पहले डांसिंग आइकन वी कंपनी द्वारा एक शक्तिशाली प्रदर्शन और एफटीआईआई छात्र लघु फिल्म “सनफ्लावर आर द फर्स्ट ओन्स टू नो” की स्क्रीनिंग शामिल थी, जिसने इस वर्ष 77वें कान फिल्म महोत्सव में ला सिनेफ पुरस्कार जीता।
श्री पृथुल कुमार, महोत्सव निदेशक, एमआईएफएफ और प्रबंध निदेशक, एनएफडीसी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन किया।