पीएम मोदी का सपना: दुनिया में हर डायनिंग टेबल पर हो भारतीय अनाज, पीएम ने कृषि सखियों को सराहा
लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद काशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवापुरी क्षेत्र के मेहदीगंज में किसान सम्मेलन को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने एक क्लिक से देशभर 9.26 करोड़ किसानों के खाते में करीब 20 हजार करोड़ की किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त ट्रांसफर की।मंच पर तीन किसान टिकरी के रमेश साहनी, सेवापुरी के उदयभान सिंह और रोहनिया के लाल बहादुर राम ने प्रधानमंत्री को अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। वहीं, प्रधानमंत्री ने देश के अलग-अलग राज्यों से आईं कृषि सखियों को प्रमाणपत्र दिए। उन्होंने कहा कि काशी के लोगों ने सिर्फ एमपी ही नहीं, बल्कि तीसरी बार पीएम भी चुना है, इसलिए यहां अपने परिवारजनों को डबल बधाई।प्रधानमंत्री ने हर हर महादेव के उद्घोष से भाषण की शुरुआत करते हुए भोजपुरी में कहा कि चुनाव जीतने के बाद आज हम पहली बार बनारस आइल हई। काशी के जनता जनार्दन के हमार प्रणाम। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद, काशीवासियों के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है।27 मिनट तक बोले मोदीकाशी के लोगों ने मुझे तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। अब तो मां गंगा ने मुझे जैसे गोद लिया तो मैं यहीं का हो गया हूं। इतनी गर्मी में आप सभी इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आए तो आपकी तपस्या देखकर सूर्य देवता भी ठंडक बरसाने लगे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने किसान, नौजवान, नारी शक्ति और गरीब इन्हें विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है। तीसरे कार्यकाल की शुरुआत मैंने इन्हीं के सशक्तीकरण से की है। सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा लिया गया है।देश भर में गरीब परिवारों के लिए तीन करोड़ नए घर बनाने हों या फिर पीएम किसान सम्मान निधि को आगे बढ़ाना का। यह कार्यक्रम तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की तरफ भी बहुत बड़ा कदम है। कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका उन्हें सम्मान और आय के नए साधन दोनों सुनिश्चित करेगी।पीएम किसान सम्मान निधि आज दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर स्कीम बन चुकी है। अभी तक देश के करोड़ों किसान परिवारों के बैंक खाते में सवा तीन लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। वाराणसी जिले के किसानों के खाते में 700 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सही लाभार्थी को लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का बेहतर इस्तेमाल हुआ है। कहा कि जब सही नीयत और सेवा की भावना होती है तो ऐसे ही तेजी से किसान हित और जनहित का काम होता है। पीएम ने कहा कि माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है।नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। आज देशभर में 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है और आने वाले समय में पूरे देश में हजारों महिला समूहों को इससे जोड़ा जाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने में पूरी कृषि व्यवस्था की बड़ी भूमिका है। हमें वैश्विक रूप से सोचना होगा, ग्लोबल मार्केट को ध्यान में रखना होगा। हमें दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनना है। कृषि निर्यात में अग्रणी बनना है।
उन्होंने कहा कि बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी, ऐसे अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है और उत्पादन भी एक्सपोर्ट क्वालिटी का होने लगा है। अब हमें पैकेज्ड फूड के ग्लोबल मार्केट में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना है।मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डायनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई अनाज या फूड प्रोडक्ट होना ही चाहिए। इसलिए हमें खेती में भी जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना है। मोटे अनाज श्रीअन्न का उत्पादन हो, औषधीय गुण वाली फसल हो या फिर प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना हो, पीएम किसान समृद्धि केंद्रों के माध्यम से किसानों के लिए एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है।मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उप्र सरकार के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मौजूद रहे।अमेरिका की जितनी आबादी, उतना भारत की महिलाओं ने वोट दियाप्रधानमंत्री ने हाल में इटली की जी-7 की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यहां शामिल हुए सभी देशों की जनसंख्या मिला दें तो भारत के मतदाताओं की संख्या डेढ़ गुना अधिक है। यूरोप के सभी देशों की संख्या मिला दें तो भारत के मतदाताओं की संख्या उनसे ढाई गुना है।इस चुनाव में 31 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया है। ये संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास है। भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती, यही ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित भी करती है और प्रभावित भी करती है।बुधवार की सुबह काशी से रवाना हुए पीएमप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीएलडब्ल्यू स्थित गेस्ट हाउस से बुधवार की सुबह भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इससे पहले वे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। पीएम मोदी की विदाई करने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, मंत्री रविंद्र जायसवाल आदि लोगों की उपस्थिति रही। पीएम सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रवाना हो गए।