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दबंगों का कहर: काकोरी में किसान परिवार पर जानलेवा हमला, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

लखनऊ: जनपद लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जमीनी विवाद के चलते दबंगों ने किसान संतोष रावत उर्फ बाबा और उनके परिवार पर निर्मम हमला किया। इस हमले में किसान परिवार के 10-12 सदस्य, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं, गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है।

पीड़ित संतोष रावत के अनुसार, घटना 8 जुलाई 2024 की सुबह लगभग 9 बजे की है। जब संतोष रावत सह परिवार अपने कार्यालय में मौजूद थे, तभी मोहम्मद अनीस और उनके बेटे शाहरुख व रेहान 12-15 लोगों के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए और गाली-गलौज करते हुए पीड़ित परिवार पर बेसबॉल के बल्ले से जानलेवा हमला किया। इस हमले में पीड़ित परिवार के सदस्यों के सिर फट गए और गंभीर चोटें आईं।

पीड़ित परिवार का कहना है कि काकोरी थाना के थाना प्रभारी को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और एफआईआर दर्ज कराने के लिए 4 बार प्राथना पत्र दिया गया। काफी मशक्कत के बाद एफआईआर तो दर्ज कर ली गई, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बावजूद भी पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अभी तक किसी भी दोषी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पीड़ित परिवार को आशंका है कि काकोरी थाना की पुलिस दोषियों से मिली हुई है। उनका आरोप है कि दोषियों ने थाना प्रभारी को मोटी रकम दी है, जिसके चलते पुलिस दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि जल्द ही न्याय नहीं मिला तो उनकी हालत और बिगड़ सकती है।

पूर्व प्रसाद श्री सुरेंदर रावत जी ने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने एबीपी भारत न्यूज़ के माध्यम से कहा है कि जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता, वे उनका साथ नहीं छोड़ेंगे। सुरेंदर रावत जी ने कहा है कि वे इस मुद्दे को उच्च स्तर तक ले जाएंगे और दोषियों को सजा दिलवाकर ही दम लेंगे।

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। जनता और पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और दोषियों से मिलीभगत ने उनकी जान को खतरे में डाल दिया है। सरकार और पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएं।

अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन और सरकार दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है और पीड़ितों को कैसे इंसाफ दिलाती है। क्या दोषियों को सजा मिलेगी या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

सरकार और पुलिस प्रशासन पर उठते इन सवालों के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कैसे न्याय की राह पर यह मामला आगे बढ़ता है और पीड़ित परिवार को कब और कैसे न्याय मिलता है। जनता की निगाहें अब इस मामले पर टिकी हुई हैं।

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