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देहरादून: जिज्ञासा विश्वविद्यालय पर 35 हजार का जुर्माना, 10 हजार की क्षतिपूर्ति

राज्य सूचना आयोग ने जिज्ञासा यूनिवर्सिटी पर सूचना अधिकार अधिनियम का अनुपालन न करने पर लोक सूचना अधिकारी पर 35 हजार का जुर्माना समेत विवि पर कुल 45 हजार का जुर्माना लगाया है। इसमें पांच- पांच हजार की क्षतिपूर्ति अपीलार्थियों को देने के निर्देश दिए हैं।

राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने यह निर्देश आयोग में जिज्ञासा (पूर्व में हिमगिरी जी नाम) विश्वविद्यालय द्वारा चार अलग-अलग अपीलों में सूचना न दिए जाने पर सुनवाई के दौरान अपीलार्थियों को सूचना उपलब्ध कराने के बाद अंतिम आदेश जारी करते हुए दिए।

राज्य सूचना आयोग में अपीलार्थी रोहित गोयल, निवासी खुड़बुड़ा, देहरादून, डाॅ. परवीन कुमार निवासी जिला दरभंगा बिहार, बसंत कुमार निवासी सहारनपुर उत्तरप्रदेश और रजनीश तिवारी निवासी समस्तीपुर, बिहार ने सूचना न दिए जाने व प्रथम अपील की सुनवाई न किए जाने पर अपील की थी। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट द्वारा सभी अपीलों की सुनवाई की गई और अपीलार्थियों के सूचना संबंधी अभिलेख आयोग में तलब करते हुए अपीलार्थियों को सूचना दिलाई गई।

प्रथम अपीलीय अधिकारी नामित किये जाने की व्यवस्था के लिए कहा

आयोग ने जारी आदेश में कहा कि प्रायः यह देखने में आया है कि राज्य में राज्य के अधिनियम के अंतर्गत स्थापित निजी विवि में व्यवस्थाओं के कारण सूचना अधिकार अधिनियम-2005 का अनुपालन नहीं हो रहा है। सूचना आयुक्त ने मुख्य सचिव व उच्च शिक्षा सचिव को आदेश की प्रति इस आशय से प्रेषित की है कि निजी विवि से संबंधित प्रथम अपील की सुनवाई की व्यवस्था शासन स्तरो से की जाए। शासन से ही प्रथम अपीलीय अधिकारी नामित किये जाने की व्यवस्था हो।

लोक प्राधिकारी के रूप में विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य अधिनियम के तहत हुई है, जिसमें सूचना अधिकार अधिनियम का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। विवि के कुलपति को सूचना अधिकार अधिनियम का प्रभावी रूप से अनुपालन करने, लोक सूचना अधिकारी और अन्य संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न होने की दशा में उन्होंने कार्रवाई के लिए आगाह किया है।

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