Main Slideखबर 50जीवनशैलीदिल्ली एनसीआरदेशप्रदेशबड़ी खबर

पीएम मोदी ने किया अष्टलक्ष्मी महोत्सव का शुभारंभ

पिछली सरकारों ने विकास की बजाय वोट को तवज्जो दी और यही कारण है कि पूर्वोत्तर की कम जनसंख्या के चलते इन राज्यों के विकास से समझौता किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत मंडपम में आयोजित पूर्वोत्तर की जीवंतता सामने लाने वाले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का शुभारंभ करते हुए यह बात कही।

पीएम ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक समर्पित मंत्रालय का गठन किया और इसके विकास के लिए हर मंत्रालय का 20 प्रतिशत बजट निर्धारित किया। पिछले दशक में हमने पूर्वोत्तर के विकास की शानदार यात्रा देखी, लेकिन यह आसान नहीं थी।

विकास को वोट से तौला गया

पीएम मोदी ने कहा कि हमने पूर्वोत्तर राज्यों को भारत की विकास गाथा से जोड़ने के लिए हर संभव कदम उठाए। उन्होंने आगे कहा कि लंबे समय तक हमने देखा कि कैसे विकास को वोट से तौला गया। पूर्वोत्तर राज्यों के पास कम वोट और कम सीटें थीं, इसलिए पिछली सरकारों ने क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया। पूरा यकीन है कि आने वाला समय पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर का है।

पहली बार अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन

मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु की तरह गुवाहाटी, शिलांग, इंफाल, ईटानगर और आइजवाल इस क्षेत्र के विकास के नए स्तंभ होंगे। पहली बार आयोजित किया जा रहा अष्टलक्ष्मी महोत्सव 6 से 8 दिसंबर तक चलेगा। इसमें असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की सुंदरता, विविधता, सांस्कृतिक विरासत, हस्तशिल्प को बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित कर इस क्षेत्र की क्षमता सामने लाने का प्रयास किया गया है।

पूर्वोत्तर में अष्टलक्ष्मी विराजमान

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी परंपरा में मां लक्ष्मी को सुख, अरोग्य और समृद्धि की देवी कहा जाता है। जब भी लक्ष्मी जी की पूजा होती है तो हम उनके आठ रूपों को पूजते हैं। ठीक इसी तरह भारत के पूर्वोत्तर में आठ राज्यों की अष्टलक्ष्मी विराजमान है। पूर्वोत्तर के इन आठों राज्यों में अष्टलक्ष्मी के दर्शन होते हैं।

बेहतर भविष्य का उत्सव

पीएम मोदी ने कहा कि अष्टलक्ष्मी महोत्सव नॉर्थ ईस्ट के बेहतर भविष्य का उत्सव है, जिससे विकसित भारत के संकल्प को एक नई ऊर्जा मिलेगी। नॉर्थ ईस्ट को हम इमोशन, इकोनॉमी और इकोलॉजी की त्रिवेणी से जोड़ रहे हैं। बीते 10 वर्षों में नॉर्थ ईस्ट के युवाओं ने स्थायी शांति के हमारे प्रयासों में जिस प्रकार बढ़-चढ़कर भागीदारी की है, उससे इस क्षेत्र के विकास को नई गति मिली है।

Related Articles

Back to top button