उत्तराखंड के स्थानीय वास्तु शास्त्र की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और टोरंटो को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हाउस ऑफ हिमालयाज ने तिमूर कोलन की मार्केटिंग शुरू कर दी है। बाजार में पांच हजार रुपये तक की बिक्री हो रही है। वहीं, सगंध पौध केंद्र सेलाकुई को तिमुर कोलोन की पेट्रोलियम कंपनी का इंतजार है।गंध पौध केंद्र सेलाकुई में प्राकृतिक रूप से उगने वाले तैमुर पर शोध कर बीज से तेल निकालकर उसे कोलीन तैयार किया है। दिसंबर 2023 में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तैमूर को बहुत भाया था।प्रधानमंत्री कई मंचों पर उत्तराखंड के तैमूर रंग का ज़िक्र कर चुके हैं। उन्होंने इसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा देने की बात कही है। प्रदेश सरकार ने हाउस ऑफ इंडिया ऑफ इंडिया के तहत तैमूर कोलन की मार्केटिंग शुरू कर दी है। शुरुआत में गॉड पैक में तिमुर कोलोन को शामिल किया गया था।अर्थशास्त्र में विकसित की जा रही है तिमूर वैलीप्रदेश में अभी तक तैमूर का पौधा प्राकृतिक रूप से उगता है। जबकि नेपाल में इसकी व्यावसायिक खेती है। औषधीय गुणों से परिपूर्ण तिमूर के बीज का उपयोग स्थानीय लोगों के रूप में किया जाता है। अब प्रदेश सरकार तिमुर की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए ऑटोमोबाइल जिले में तिमुर घाटी विकसित की जा रही है। सगंध पौध केंद्र सेलाकुई की ओर से 1.50 लाख की तैमुर अकादमी की तैयारी चल रही है। जिसे अगले साल किसानों ने पछाड़ दिया।उत्तराखंड में पहली बार तिमुर के बीज से कोलोन बनाया गया है। भारतीय पेट्रोलियम कार्यालय दिल्ली में ऑनलाइन आवेदन किया गया है। पोर्टफोलियो मीटिंग के बाद कोलोन में शोध को सार्वजनिक करने का अधिकार सुरक्षित रखा गया। साथ ही कोलन की मार्केटिंग को बढ़ावा मिलेगा। -नृपेंद्र सिंह चौहान, निदेशक, सुगंध पौध केंद्र सेलाकुई