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वाराणसी के निर्माण विभाग ने गिराई साख, 33 परियोजनाएं एक साल पीछे

अप्रैल से अक्तूबर तक जारी हुई मुख्यमंत्री डैशबोर्ड रैकिंग में निर्माण विभाग ने जिले की साख गिराई है। वाराणसी की 66 रैंक आई है। विभाग को 10 में से सिर्फ एक नंबर मिला है। उन्हें ई-ग्रेड दिया गया है। उत्तर प्रदेश की सूची में अंतिम पांच जिलों में वाराणसी शामिल है। इसका मुख्य कारण परियोजनाओं का काम समय से पूरा न होना है। इसके अलावा लोक शिकायत विभाग को निर्माण (सीएमआईएस) कार्यों से जुड़े मामले में भी ई-ग्रेड दी गई है।

जारी डैशबोर्ड की रैकिंग के मुताबिक वित्तीय वर्ष में पुलों की लक्षित संख्या दो है। लेकिन, पूरे किए गए पुलों की संख्या शून्य है। स्वीकृत लागत (19591.15) लाख में आवंटन हुआ है (774.73) लाख में और व्यय राशि शून्य रही। सेतुओं के भौतिक सत्यापन में वाराणसी 50 फीसदी नंबर मिले हैं और उसी हिसाब से रैंक 66 रही। इसी आधार पर ई ग्रेड जारी किया गया।

10 में नौ नंबर पाने वाले जिलों को ए प्लस, 8 नंबर पाने वालों को ए, 6 नंबर पाने वाले को बी, 4 नंबर पाने वालों को सी और 2 नंबर पाने वाले को डी और इससे कम नंबर पाने वाले को ई-ग्रेड दी जाती है। इसके अलावा निर्माण विभाग को नई सड़कों के निर्माण में सी ग्रेड दिया गया है। जिले को ओवरऑल 10 में 8.13 नंबर मिले हैं, इसके साथ ही जिले को 56वीं रैंक दी गई है। विकास कार्यों से जुड़ी रैंक 11वीं है और राजस्व से संबंधित रैंक 66वीं हैं।

बी और डी ग्रेड में रहन वाले विभाग
ग्राम विकास विभाग को डे एनआरएलएम बैंक क्रेडिट लिंकेज में बी ग्रेड, नियोजन विभाग को फैमिली आईडी में डी ग्रेड मिला है। पंचायती राज विभाग को 15वें वित्त आयोग ग्राम पंचायत, 5वें राज्य वित्त आयोग में बी रैंक मिली है। पर्यटन विभाग को राज्य योजना में बी ग्रेड दी गई है।

परियोजना के टॉप-5 जिले
जनपद का नाम उपलब्धि (%)

लखीमपुर खीरी -100
शाहजहांपुर -100
गौतम बुद्ध नगर -100
चित्रकूट -100
प्रयागराज -100

अंतिम पांच जिलों के नाम
जनपद का नाम उपलब्धि (%)

मुरादाबाद – 50
वाराणसी – 50
संभल – 50
कौशांबी – 50
देवरिया – 50

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