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आज है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी, पढ़ें दैनिक पंचांग एवं राहुकाल

सनातन धर्म में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी (Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024) का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने वाले साधकों को जीवन में हमेशा सुखों की प्राप्ति होती है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल (Aaj ka Panchang 18 December 2024) जानते हैं-वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 18 दिसंबर को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व हर वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गणपति बप्पा की भक्ति भाव से पूजा की जा रही है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर इंद्र योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सुख में वृद्धि होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 18 December 2024) जानते हैं-शुभ मुहूर्तपौष माह के कृष्ण पक्ष की चर्तुर्थी तिथि 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से शुरू होगी। वहीं, 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 18 दिसंबर को है। आज के दिन चंद्र दर्शन का समय शाम 08 बजकर 27 मिनट पर है।योगज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के शुभ अवसर पर इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। यह योग शाम 07 बजकर 34 मिनट तक है। वहीं, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग सुबह 10 बजकर 07 मिनट से हो रहा है। वहीं, पौष माह के पहले बुधवार पर उत्तर भाद्रपद और पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा, बव और बालव करण का भी संयोग है।आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 18 December 2024)सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 08 मिनट परसूर्यास्त – शाम 05 बजकर 28 मिनट परचंद्रोदय- शाम 08 बजकर 27 मिनट परचंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 52 मिनट परशुभ समय (Today Shubh Muhurat)ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तकविजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तकनिशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तकअशुभ समयराहुकाल – दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तकगुलिक काल – 11 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तकदिशा शूल – उत्तरताराबलअश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवतीचन्द्रबलवृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुंभगणेश जी के मंत्रऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

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