LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशखबर 50देशप्रदेशबड़ी खबर

यूपी: सीएम दफ्तर ने बैठाई घालमेल-फर्जीवाड़ा के बिजली इंजीनियरों पर जांच

राजभवन खंड में बिल्डर के लिए नियम बदलने और अमान्य मानचित्र पर बिजली कनेक्शन देने के मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच बैठा दी है। मामले की जांच के लिए दो जांच कमेटियों का गठन किया गया है।

राजभवन खंड में बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए नियम बदलने व अमान्य मानचित्र पर बहुमंजिला इमारत में बिजली कनेक्शन स्वीकृत करने के मामले में सीएम दफ्तर ने जांच बैठा दी है। इसमें घालमेल-फर्जीवाड़ा करने वाले इंजीनियरों की जांच के बाद रिपोर्ट मांगी है। सीएम दफ्तर से पावर कॉर्पोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन पत्र पहुंच गया है। उम्मीद है कि सोमवार को यह पत्र मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी को भेजा जाएगा।

एमडी की ओर से दोनों प्रकरण में दो जांच कमेटी गठित की गई हैं। इसमें एक की जांच हो चुकी मगर रिपोर्ट फाइल नहीं की गई। राजभवन और मोहनलालगंज खंड के तहत सुल्तानपुर रोड पर बिजली लाइनों को बनाने का ठेका लेने वालों को घालमेल करने वाले इंजीनियरों को बचाने में जुटे थे। सीएम दफ्तर से आए पत्र ने खासकर अमान्य जिला पंचायत के मानचित्र पर बहुमंजिला इमारत में 990 किलोवाट का आवासीय व व्यावसायिक बिजली लोड स्वीकृत करने वाले इंजीनियर राजभवन के पूर्व एक्सईएन धर्मेंद्र सक्सेना, पूर्व कैंट एसडीओ शिवनाथ शुक्ला जो वर्तमान में पॉवर कॉर्पोरेशन अध्यक्ष के शिविर कार्यालय में तैनात बतौर एक्सईएन में हड़कंप मचा दिया है।

एक्सईएन को बचाने, जेई-एसडीओ को फंसाने का खेल
इसमें जेई अरविंद, एसडीओ पुरुषोत्तम कुमार ने व्यावसायिक केंद्र को 33 हजार करंट के बजाय 11,000 करंट के नेटवर्क पर 2,600 किलोवाट बिजली लोड स्वीकृत करने के लिए राजभवन खंड के पूर्व एक्सईएन धर्मेंद्र सक्सेना को पत्र भेजा गया था। लोड स्वीकृत करने की पैरवी एसडीओ ने की थी। जांच बैठी तो सिंडीकेट एक्सईएन को बचाने व जेई-एसडीओ को फंसाने का खेल शुरू हो गया है।

अध्यक्ष शिविर से अब तक नहीं हटा फर्जीवाड़ा का आरोपी
अमान्य मानचित्र पर बहुमंजिला इमारत का 990 किलोवाट लोड स्वीकृत कराने वाले शिवनाथ शुक्ला को कॉर्पोरेशन अध्यक्ष के शिविर से अब तक नहीं हटाया गया, जिन्होंने फर्जीवाड़ा कराया। इस फर्जीवाड़े में जेई, एसडीओ, एक्सईएन, तकनीकी सहायक आदि फंसे हैं।

Related Articles

Back to top button