वायु गुणवत्ता के मामले में बिहार के दो शहर मुजफ्फरपुर और पटना देश में सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गए
वायु गुणवत्ता के मामले में बिहार के दो शहर मुजफ्फरपुर और पटना देश में सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। हवा में प्रदूषण का सूचकांक ‘पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) दिल्ली, गाजियाबाद, गुडग़ांव, कानपुर, लखनऊ और धनबाद से भी ज्यादा खराब स्तर पर रिकॉर्ड किया गया है।
धनबाद कोयला खदानों के लिए जाना जाता है। वायु प्रदूषण बढऩे से सांस के रोगियों के लिए ज्यादा मुश्किल खड़ी हो सकती है। पटना धूलकणों को लेकर पहले से प्रदूषित है।
बुधवार को पटना में पीएम 2.5 (प्रदूषण तत्व) सामान्य से करीब सात गुना अधिक 424 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के स्तर पर पहुंच गया। मंगलवार को हवा में पीएम 2.5 का स्तर 402 था। वायु प्रदूषण का रिकॉर्ड बिहार के ही शहर मुजफ्फरपुर ने तोड़ते हुए पटना को पीछे छोड़ दिया।
मुजफ्फरपुर में बुधवार को पीएम 2.5 का स्तर 436 रिकॉर्ड किया गया। मंगलवार को यह 388 था। झारखंड में कोल-फील्ड इलाके के रूप में मशहूर धनबाद में बुधवार को पीएम 2.5 का स्तर 404 और मंगलवार को 259 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था।
अक्टूबर से खराब हो रही गुणवत्ता
पटना की वायु गुणवत्ता अक्टूबर के बाद लगातार खराब होती जा रही है। दीपावली में आतिशबाजी से राजधानी की वायु गुणवत्ता 12 गुना खराब रिकॉर्ड की गई थी। दीपावली के दूसरे दिन पटना की हवा में पीएम 2.5 का स्तर 767 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया था। राजधानी क्षेत्र में अक्टूबर में वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय औसत से करीब चार गुना अधिक खराब थी। नवंबर के पहले सप्ताह में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
पटना में चार दिनों का एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स)
21 नवंबर – 424 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
20 नवंबर – 402 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
19 नवंबर – 405 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
18 नवंबर -322 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
बुधवार को पीएम-2.5 का स्तर
मुजफ्फरपुर – 436
पटना – 424
धनबाद – 404
नई दिल्ली – 374
गाजियाबाद – 383
आगरा – 348
गुडग़ांव – 345
कानपुर – 388
लखनऊ – 413