मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती ने दिया बच्चे को जन्म
मानसिक रूप से अस्वस्थ एक युवती के बच्चे को जन्म देने के मामले का हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को दो दिन में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि 20 नवंबर की सुबह जिला गांदरबल के गुंड इलाके में मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती अपनी गोद में मृत बच्चे को लेकर घूमती पाई गई थी। उसके रक्तस्त्राव भी हो रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो उसने बिना किसी डॉक्टरी मदद के बच्चे को जन्म दिया था। थाना प्रभारी गुंड के सईद आरिफ ने बताया कि लोगों ने सुबह साढ़े नौ बजे महिला के बारे में सूचित किया था। उसी समय महिला कांस्टेबल भेजकर युवती और उसके मृत बच्चे को तुरंत पीएचसी कुलन पहुंचाया गया। इसके साथ ही सुरक्षा में एक महिला कांस्टेबल की भी तैनाती कर दी गई, जिस समय उसे अस्पताल पहुंचाया गया, उससे करीब छह से सात घंटे पहले ही उसने बच्चे को जन्म दिया था। उसके पास से 26 हजार रुपये भी मिले।
बाद में पुलिस ने मस्जिद कमेटी को महिला के बच्चे का शव दफनाने के लिए सौंप दिया गया। पता करने पर जानकारी मिली कि उसके परिजन बडगाम में हैं। परिजनों ने बताया कि उनकी लड़की लापता है, लेकिन जानकारी मिलते ही तुरंत उसके पिता, बहन और एक भाई पुलिस स्टेशन पहुंच गए। डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने की भी इजाजत दे दी, लेकिन पीडि़ता की मौजूदा हालात सही नहीं होने से एक सामाजिक कार्यकर्ता के घर पर ही पीडि़त युवती व उसके परिजन तीन दिन तक रहे। इस बीच युवती न तो अपने घर जाना चाहती थी और न उसके परिजन उसे ले जाने के इच्छुक थे।
थाना प्रभारी आरिफ ने बताया कि युवती को श्रीनगर की सखी नामक एक गैर सरकारी संस्था के माध्यम से ललदेद अस्पताल में दाखिल कराया गया है। उसे लगातार रक्तस्राव हो रहा था। ललदेद स्थित अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि उसे पेरेरनियल टियर है। जब वह ठीक होगी तो उसे शेल्टर होम में रखा जाएगा।
इस बीच, कश्मीर वूमेन कोलेक्टिव नामक एक एनजीओ ने कहा कि उसके साथ मखदूम साहिब जियारतगाह के पास दुष्कर्म हुआ है। एनजीओ ने मंगलवार की शाम नौहट्टा पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज करा दी। थाना प्रभारी नौहट्टा एजाज ने कहा कि एफआइआर दर्ज करके जांच शुरूकर दी गई है। अभी इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता। पीडि़ता मानसिक रूप से अस्वस्थ है। युवती ने गांदरबल स्थित एक खान परिवार का भी नाम लिया है।