दिल्ली-NCR में कब से छाएगा कोहरा, कब होगी बारिश और बढ़ेगा सर्दी का कहर
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है। दिन-ब-दिन मौसम करवट ले रहा है, इसके चलते सुबह और शाम में ठंड में इजाफा भी हो रहा है। इस बीच मौसम विभाग ओर से कहा गया है कि 11 दिसंबर (मंगलवार) को होगी, जिससे दिल्ली की हवा तो साफ होगी, लेकिन ठंड और कोहरे का असर बढ़ जाएगा।
मौसम विभाग के मुताबिक, 11 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश होगी। इस बारिश के बाद मौसम में तेजी से परिवर्तन आएगा, जिससे ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ जाएगा।
बता दें इन दिनों दिल्ली में न्यूनतम तापमान तो गिर रहा है, लेकिन अधिकतम तापमान में बदलाव नहीं हो रहा है। इसकी वजह से दोपहर को लोगों को गर्मी महसूस हो रही है, लेकिन 11 दिसंबर के बाद दिन में भी सर्दी बढ़ेगी।
11 से 13 तक छा सकती है धुंध, चालक रहें सतर्क
मौसम विभाग के मुताबिक, 11 से 14 तक दिल्ली के साथ गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, सोनीपत जैसे एनसीआर के इलाकों में धुंध घनी हो सकती है। ऐसे में 11 से 13 दिसंबर तक वाहन चालकों को अलसुबह और रात को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है। सलाह दी गई है कि मौसम की परिस्थितियों देखकर ही बाहर निकलें। मौसम विभाग ने 11 से 13 दिसंबर तक दृश्यता भी 15 से 20 मीटर रहने का अनुमान जताया है। दूसरी ओर लगातार बढ़ रही ठंड से किसानों को फायदा होगा।
गौरतलब है कि सर्दियों के मौसम में कोहरा होना आम बात है, लेकिन इससे लोगों को खासकर वाहन चालकों को खासी समस्या पेश आती और सड़कों पर जगह-जगह हादसे होते हैं।
सर्दियों के दौरान दिनों अक्सर देर रात और सुबह धरती के ऊपर धुएं जैसा आवरण छा जाता है। इसे कोहरा (फॉग) कहते हैं। इस कोहरे के चलते न केवल राहगीरों को, बल्कि ट्रेन ड्राइवरों और एयरोप्लेंस के पायलटों तक को रास्ता ठीक से नहीं दिखाई देता। कभी-कभी तो कोहरा इतना घना होता है कि सड़क, रेल और हवाई हादसा तक हो जाता है।
जानिये फॉग और स्मॉग में अंतर
दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों स्मॉक छाया हुआ है, जिसके चलते प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में है। जब हमारे चारों ओर मौजूद हवा में जलवाष्प प्रक्रिया होती है, जिसे नमी कहा जाता है। सर्दियों के मौसम में पृथ्वी की सतह के पास की गर्म हवा में मौजूद जलवाष्प ऊपर मौजूद ठंडी हवा की परतों से मिल कर जम जाती है। इसे सघनन कहा जाता है। वहीं, स्मॉग स्मोक और फॉग से मिलकर बना शब्द है। जब हवा में बहुत ज्यादा कंडेन्शन हो जाता है तो यह भारी होकर पानी की नन्ही-नन्ही बूंदों में बदलने लगती है। आसपास की अधिक ठडी हवा के सपर्क में आने पर इसका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। इसी को मौसम वैज्ञानिक कोहरा बनना कहते हैं। वहीं, औद्योगिक क्षेत्रों में कोहरा ज्यादा घना हो जाता है और इसे ‘स्मॉग’ कहते हैं।
जानिये- क्या होती है धुंध?
धुंध भी कोहरे की तरह ही होती है, अंतर बस केवल इतना है कि यह अधिक घनी हो जाती है। जहां कोहरा हमें सर्दी के दौरान दिखाई देता है वहीं धुंध बरसात के दिनों में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाने के कारण उत्पन्न होती है। धुंध पहाडि़यों और जंगलों वालों क्षेत्रों में अधिक बनती है।
कोहरे की मार, रेलगाड़ियां पहुंच रहीं देरी से
कोहरे से एक बार फिर रेलगाड़ियों का संचालन बाधित हुआ है। रविवार को मुरादाबाद से हापुड़ की ओर आने वाली एक दर्जन एक्सप्रेस व पैसेंजर रेलगाड़ी अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से पहुंची। ऐसे में यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। यात्रियों को घंटों तक प्लेटफार्म पर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है।
स्टेशन अधीक्षक मुनीराम मीना ने बताया कि रविवार को रक्सौल से चलकर आनंद विहार की ओर जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से चार घंटा की देरी से पहुंची। फैजाबाद से पुरानी दिल्ली जाने वाली फैजाबाद एक्सप्रेस आठ घंटा, बनारस से नई दिल्ली जाने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस एक घंटा, प्रतापगढ़ से पुरानी दिल्ली जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस पांच घंटा, लखनऊ से नई दिल्ली जाने वाली लखनऊ मेल एक घंटा, इलाहाबाद से सहारनपुर जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस चार घंटे, सुल्तानपुर से आनंद विहार जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस एक घंटा, मुरादाबाद से आनंद विहार जाने वाली मेमू दो घंटा, जयनगर से अमृतसर जाने वाली शहीद एक्सप्रेस चार घंटे की देरी से पहुंची।
इसके अलावा बरेली से नई दिल्ली की ओर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस एक घंटा, बरेली से भुज जाने वाली आला-हजरत एक्सप्रेस पांच घंटा, इलाहाबाद से मेरठ सिटी की ओर जाने वाली संगम एक्सप्रेस साढ़े पांच घंटा की देरी से पहुंची। रेलगाड़ियों के अक्सर देरी से आने के कारण यात्रियों को घंटों तक प्लेटफार्म पर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है।