उत्तराखंड
इन स्कूलों में आठ साल से एकल शिक्षक के भरोसे बच्चों का भविष्य, जानिए
जिम्मेदारों की अनदेखी से चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती जूनियर हाईस्कूल फनार और हनोल एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। शिक्षकों की कमी से ग्रामीण नौनिहालों का भविष्य चौपट हो रहा है। जिससे अभिभावकों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। लोगों के कई बार शिकायत करने पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। सिस्टम से नाराज लोगों ने कहा अगर शिक्षकों की जल्द तैनाती नहीं की गई तो वे अपने बच्चों को इन स्कूलों से हटाकर अन्य जगह भेजने को मजबूर हो जाएंगे।
जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था में अपेक्षाकृत सुधार नहीं होने से लोग निराश हैं। चकराता ब्लॉक के पर्यटन स्थल हनोल और कथियान क्षेत्र के फनार गांव में खोले गए दोनों राजकीय जूनियर हाईस्कूल पिछले कई साल से एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो जूहा फनार में बीते आठ साल से सिर्फ एक शिक्षक तैनात है। कुछ ऐसा ही हाल जूहा हनोल का भी है। शिक्षकों की कमी के चलते इन दोनों विद्यालय में कुछ समय पहले तक बच्चों की संख्या अच्छी खासी थी। लेकिन बाद में छात्रसंख्या लगातार घटती चली गई। जिससे विद्यालय में बच्चों की संख्या घटकर अब डेढ़ दर्जन करीब रह गई।
फनार पंचायत की प्रधान बबीता राणा और चातरा-हनोल पंचायत की प्रधान शीतल राजगुरु ने कहा शिक्षकों की कमी से विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में है। कई बार शिक्षक के राजकीय कार्य से चकराता जाने व बीमार पड़ने से स्कूल में ताले लटक जाते हैं। नियमानुसार प्रत्येक जूनियर हाईस्कूल में कम से कम तीन शिक्षकों की तैनाती की व्यवस्था है। लोगों ने कहा अगर शिक्षकों की तैनाती जल्द नहीं की गई तो वे अगले साल अपने बच्चों को इन दोनों विद्यालय से हटाकर अन्य जगह भेजने को मजूबर होंगे। वहीं, खंड शिक्षाधिकारी चकराता डॉ. सूलचंद का कहना है कि चकराता ब्लॉक क्षेत्र में शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।