पूर्ण राज्य के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर केजरीवाल, विस में गैरमौजूदगी पर उड़ रहा मजाक
इसे आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की कोरी राजनीति कहें या दोहरा मानदंड, लेकिन दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री केजरीवाल स्वयं ही गंभीर नहीं हैं। इस मुद्दे पर विधान सभा का विशेष सत्र तो बुला लिया गया मगर तीन दिन से वह खुद नदारद चल रहे हैं। हैरत की बात यह कि वह ट्वीट तो कर रहे हैं मगर सदन में नहीं आ रहे।
विधानसभा का यह तीन दिवसीय (हालांकि अब एक दिन बढ़ाया जा चुका है) विशेष तौर पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए ही बुलाया गया है। बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सदन में इस आशय का प्रस्ताव भी रख चुके हैं और इस पर चर्चा भी शुरू हो चुकी है। सोमवार को यह प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा। सत्तापक्ष का कहना है कि पूर्ण राज्य का दर्जा न होने के कारण ही उप राज्यपाल सरकार के हर काम में अड़चन डाल रहे हैं।
उधर मुख्यमंत्री केजरीवाल इस मुददे पर ट्वीट से काम चला रहे हैं। शुक्रवार सुबह भी उन्होंने एक टवीट किया कि, तीन साल से हर साल के बजट में एक हजार मोहल्ला क्लीनिकों के लिए बजट रखा जा रहा है, लेकिन एलजी ऐसा होने ही नहीं दे रहे। इस साल राशन की घर पर ही डिलीवरी के लिए बजट रखा गया किन्तु उसे भी एलजी ने स्वीकृति नहीं दी।
इसी तरह और भी बहुत सारे प्रोजेक्ट अधर में लटका दिए गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री की सदन से इस अनुपस्थिति पर विपक्ष खूब मजाक भी बना रहा है। शहर भर में मुख्यमंत्री की गुमशुदगी के इश्तहार लगा दिए गए हैं। बागी विधायक कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को एक पैरोडी जारी कर उनकी खिंचाई की। इस पैरोडी के बोल हैं, जरा सामने तो आओ छलिए, घर के अंदर दुबकने में क्या राज है, तेरे छुप न सकेंगे घोटाले, सारी दिल्ली की ये आवाज है।
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक, पूर्ण राज्य का दर्जा नया बहाना है। सच तो यह है कि यह सरकार अब जनता से मुंह चुराने के बहाने खोज रही है। घोषणापत्र के ज्यादातर वादे अधूरे हैं, जवाब इनके पास है नहीं। इसीलिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति खेल रहे हैं। मुख्यमंत्री की सदन से गैर मौजूदगी इनकी गंभीरता भी अपने आप ही बयां कर देती है।
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि जब शीला दीक्षित की सरकार दिल्ली में सत्ता में आई थी तो उस समय भी केंद्र में भाजपा की सरकार थी। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने सभी विकास कार्य कराए। कहीं कोई दिक्कत नहीं रही। आप सरकार को तो काम नहीं करने का बहाना चाहिए। कभी कोई बहाना ढूंढ लाते हैं तो कभी कोई नया शिगूफा छोड़ देते हैं। हकीकत में यह सरकार जनता के प्रति गंभीर ही नहीं है।