BSNL की माली हालत खराब, बिजली बिल भरने तक के पैसे नहीं
सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की माली हालत इन दिनों बिगड़ती जा रही है। लैंडलाइन-मोबाइल कनेक्शन कम हो रहे हैं। इससे कंपनी का घाटा बढ़ता ही जा रहा है। इसका असर अब नजर आने लगा है। कंपनी के खजाने में इतना भी पैसा नहीं है कि वह बिजली का बिल भर सके। वहीं स्टाफ को वेतन देने में भी समय लग रहा है। उधर, टावर लगाने वाली एजेंसी के बिल-वाउचर भी अटक गए हैं। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यालय को स्थिति बताकर बजट बढ़ाने को कहा है।
बीते दिनों स्कीम-71 के एक्सचेंज ऑफिस का बिजली बिल डेढ़ लाख तक पहुंच गया, जिसमें अक्टूबर का भी बकाया बिजली कंपनी ने जोड़ दिया। आखिरी तारीख निकलने के बावजूद बिल जमा नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि बिजली कंपनी कनेक्शन न काटे, इसके लिए बीएसएनएल ने बिल भरने के लिए थोड़ा समय मांगा है।
सूत्रों के मुताबिक बजट नहीं होने से यह स्थिति बनी है। अधिकारी इन दिनों मुख्यालय से पैसा आने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक इंदौर और आसपास के ऑफिस व टावर को मिलाकर 240 से ज्यादा बिजली कनेक्शन हैं। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनी का खजाना खाली होने लगा है। जहां अधिकारी-कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिलता था, अब महीने के पहले सप्ताह तक इंतजार करना पड़ रहा है। अधिकारी दबी जुबान में कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होने की बात स्वीकार कर रहे हैं।
महीनों से अटके वाउचर
कंपनी इन दिनों मोबाइल नेटवर्क को बेहतर करने में लगी है। इसके लिए नए बीटीएस टावर लगाए जा रहे हैं। मगर एजेंसी के बिल-वाउचर महीनों से अटके हैं, जिनका भुगतान नहीं हो रहा है। फिलहाल अधिकारी अन्य मद से पैसा देने की तैयारी में जुट गए हैं।
राजस्व बढ़ने के लिए संपत्तियां दीं किराए पर
कंपनी अपना राजस्व बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है। यही वजह है कि वह अपनी बिल्डिंग किराए पर दे रही है। इन दिनों नेहरू पार्क स्थित कार्यालय की बिल्डिंग में जनसंपर्क कार्यालय लग रहा है। इसी तरह अन्य बिल्डिंग सरकारी उपक्रम को देना तय किया है। उधर, प्राइवेट ऑपरेटरों से तगड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने के कारण कंपनी अब सेवाओं में विस्तार कर रही है। इसके लिए वह 4जी स्पैक्ट्रम लेने में दिलचस्पी दिखा रही है। इसके पीछे वजह है कि 4जी से मोबाइल उपभोक्ताओं को रोका जा सके।
स्थिति से हर कोई वाकिफ