नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में आरोपित नवादा के राजद विधायक राजबल्लभ यादव की मुश्किलें बढऩे वाली हैं। बिहारशरीफ कोर्ट में विचाराधीन इस मामले की सुनवाई अब पटना के स्पेशल कोर्ट में होगी। इसलिए बंदी विधायक को बिहारशरीफ मंडल कारा से पटना के बेऊर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अब स्पेशल कोर्ट में विधायक पर लगे आरोपों और ट्रायल के दौरान आएं साक्ष्य के बिंदु पर सरकारी अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे, उसके बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता अपनी दलीलें देंगे।
बता दें कि सरकार ने विधायक, सांसद, मंत्री पर लंबित मामलों के त्वरित निपटारे का निर्णय लिया था। इसी आलोक में बिहार के मंत्री-विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए पटना में स्पेशल कोर्ट बनाया गया है। पटना के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश परशुराम ङ्क्षसह यादव के कोर्ट में ऐसे मामलों की सुनवाई होनी है। 1 अप्रैल 2018 से ही यह कोर्ट अस्तित्व में आया है।
सरकार के निर्णयों के आलोक में नवादा विधायक से जुड़े मामले को बिहारशरीफ से पटना विशेष न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है। इसके बाद 5 जून 18 को विधायक को बिहारशरीफ जेल से पटना के बेउर जेल शिफ्ट कर दिया गया। 6 जून को पहली तारीख थी। अगली तारीख 11 जून मुकर्रर की गई है। बता दें कि पूर्व में यह ट्रायल बिहारशरीफ में न्यायाधीश शशिभूषण सिंह के कोर्ट में चल रहा था।
बहस हो चुकी थी पूरी
बता दें कि बिहारशरीफ कोर्ट में ट्रायल के दौरान सरकारी और बचाव पक्ष की गवाही पूर्ण हो गई थी। जून माह में किसी भी दिन फैसला आ सकता था। लेकिन, नई व्यवस्था के लागू होते ही केस को स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। अब वहां दोनों पक्षों के अधिवक्ता अपनी दलीलें देंगे। तब अदालत का फैसला आएगा। जानकार बताते हैं कि अदालत का निर्णय आने में कम से कम दो माह का समय लग सकता है।
विधायक पर हैं ये आरोप
– 6 फरवरी 16 को को बिहारशरीफ के महिला थाने में एक किशोरी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। इस बाबत महिला थाना में कांड 15-2016 दर्ज किया गया था। अनुसंधान में नवादा के विधायक का नाम सामने आया था।
– पटना के तत्कालीन डीआइजी शालीन ने बिहारशरीफ पहुंचकर मामले की जांच की थी। पीडि़ता द्वारा फोटो से विधायक की पहचान किए जाने के बाद उन्होंने गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
– पुलिस ने छापेमारी शुरू की थी तो वे भूमिगत हो गए थे। तब अदालत से वारंट लेकर उनके नवादा के पथरा स्थित आवास की संपत्ति कुर्क की गई थी। बाद में उन्होंने बिहारशरीफ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
– इस बीच हाइकोर्ट से उन्हें जमानत मिली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से खारिज करा दिया था।