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12 साल के बाद लोग मनाएंगे वसंतोत्सव, कट्टरपंथियों के डर से लगाई गई थी रोक

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने मंगलवार को बसंतोत्सव के आयोजन पर पिछले 12 सालों से लगा प्रतिबंध हटा लिया. यह बसंत के मौसम के शुरू में पंजाबी समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है. डॉन की खबर के मुताबिक पंजाब के सूचना एंव संस्कृति मंत्री फैयाजुल हसन कोहन ने कहा कि यह परंपरागत उत्सव फरवरी 2019 के दूसरे सप्ताह में मनाया जाएगा. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोहन ने कहा कि एक समिति गठित की जाएगी जिसमें पंजाब के कानून मंत्री, प्रांतीय मुख्य सचिव और दूसरे प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे.

यह समिति इस बात पर चर्चा करेगी कि कैसे इस त्योहार के नकारात्मक पहलुओं से बचा जा सकता है.  मंत्री ने कहा कि यह समिति एक हफ्ते में अपनी अनुशंसा देगी.  उन्होंने कहा, ‘‘इस बार लाहौर के लोग निश्चित रूप से बसंत मनाएंगे.’’ पंजाब में 2007 में इस त्योहार पर यह कहते हुए पाबंदी लगा दी गई थी कि पतंग उड़ाने के लिये इस्तेमाल होने वाले मांझे से मौतें होती हैं.

कई विश्लेषकों का हालांकि यह मानना है कि इस त्योहार पर कट्टरपंथी धार्मिक और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी समूहों के दबाव में पाबंदी लगाई गई थी क्योंकि इनका दावा है कि यह त्योहार मूलत: हिंदुओं का है और ‘‘गैर-इस्लामी’’ है.  

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