अयोध्या के विवादित स्थल में नमाज पढ़ने की नहीं मिली इजाजत, कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या के विवादित परिसर में नमाज पढ़ने की अनुमति देने के आग्रह वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने यह आदेश अल-रहमान ट्रस्ट की याचिका को खारिज करते हुए दिया. अदालत ने ट्रस्ट पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए अयोध्या के जिलाधिकारी को आदेश दिया कि जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति वह वह राशि वसूल करें.
याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से मुस्लिम पक्ष को दी गई जमीन पर नमाज पढ़ने के लिए इजाजत मांगी गई थी. अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के उक्त आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाय हुआ है. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने याचिका को सस्ती लोकप्रियता के लिए उठाया गया कदम करार देते हुए इसे ठुकरा दिया.
बता दें कि अयोध्या के विवादित स्थल का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी में शुरू करेगा. उल्लेखनीय है कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बीते 29 अक्टूबर को हुई अहम सुनवाई टल गई थी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसफ की बेंच ने इस मामले को अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया था.
सुप्रीम कोर्ट अब जनवरी में मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा. उस दिन यह भी तय होगा कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ही मामले की सुनवाई करेगी या इसके लिए कोई नई बेंच का गठन किया जाएगा.