जानिए, क्यों नया जम्मू और नया श्रीनगर बनेगा
जम्मू और श्रीनगर शहर आधुनिक जरूरतों के हिसाब से विकसित होंगे। मेट्रोपालिटिन के तौर पर नया जम्मू और नया श्रीनगर बनेगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक काउंसिल ने जम्मू एंड कश्मीर मेट्रोपालिटिन रीजनल डेवलपमेंट अथारिटी बिल 2018 को अपनी मंजूरी दे दी। इस बिल का मकसद नए श्रीनगर और नए जम्मू शहरों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करना होगा।
पिछले कुछ दशकों से जम्मू और श्रीनगर शहरों का तेजी के साथ विस्तार हुआ है। इससे शहरीकरण की बहुत बढ़ी चुनौतियां सामने आई है। शहरीकरण के ढांचे के हिसाब से संसाधनों की जरूरत है। समय की जरूरत है कि भविष्य को ध्यान में रखकर इन दोनों शहरों को विकसित किया जाए। नए टाउनशिप और मेट्रो का विकास हो। तेजी से हो रहे विकास के बावजूद ढांचागत सुविधाओं की कमी है।
बिल पास होने से मेट्रोपालिटिन रीजनल डेवलपमेंट अथारिटी का गठन होगा
देश के कई शहरों ने ऐसे हालात से निपटने के लिए तैयारियां की है जिसमें पुणे, मुम्बई, गुरुग्राम, हैदराबाद शहर है जिन्होंने मेट्रोपालिटिन रीजनल अथारिटी बना ली है। बिल के पास होने से मेट्रोपालिटिन रीजनल डेवलपमेंट अथारिटी का गठन होगा। बढ़ती आबादी के बाजवूद ढांचागत योजना बनाई जाएगी। दोनों शहरों जम्मू और श्रीनगर के लिए मेट्रोपालिटिन रीजनल डेवलपमेंट अथारिटी बनाई जाएगी जो सही तरीके से योजनाओं को अमली जामा पहनाएगी और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप भी होगी। इन अथारिटी के पास यह भी अधिकार होंगे कि नए टाउनशिप विकसित किए जाए और नए मेट्रो को बढ़ावा दिया जाए। अथारिटी मास्टर प्लान पर आधारित ढांचागत विकास योजना बनाएगी।
ट्रैफिक के प्रबंधन पर योजना बनाएगी
ट्रैफिक के प्रबंधन पर योजना बनाएगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शहरी पर्यावरण के लिए संतुलित विकास करेगी। इन दोनों अथारिटी के पास जगह के अधिग्रहण करने के अधिकार भी होंगे। नए मेट्रोपालिटिन अथारिटी किसी भी हाल में नगर निगमों और स्थानीय कमेटियां के क्षेत्राधिकार में प्रवेश नहीं करेगी। दोनों का काम अपना अपना होगा। इन अथारिटी का मकसद श्रीनगर और जम्मू शहरों का आधुनिक जीवन के हिसाब से विकास करना होगा। भविष्य की जरूरतों के हिसाब से श्रीनगर और जम्मू शहरों को विकसित करने की दिशा में अथारिटी का गठन पहला कदम है।