चोरी से पहले मोबाइल में डालता था रिमाइंडर, फिर अगले दिन वारदात को देता था अंजाम
बैंक में घुसकर महिला अफसरों के पर्स चुराने वाले बदमाश को एमआईजी पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। बदमाश ने 20 से ज्यादा वारदात कबूली है। वह जिस बैंक में चोरी करता था, उसके लिए रात में मोबाइल में नोट डाल लेता था। सुबह उठते ही उसी बैंक में चोरी करने पहुंच जाता था। महिलाओं के पर्स से रुपए निकालकर फेंक देता था। उसने चोरी के कुछ मोबाइल बेच दिए तो कुछ उसके घर के डस्टबिन में मिले।
एमआईजी पुलिस के मुताबिक आरोपित संदीप पिता हरिदास बलवानी निवासी टीला जमालपुरा (भोपाल) है। आरोपित एबी रोड स्थित इंड्सइंड बैंक से महिला अफसर जागृति चावला का पर्स लेकर भाग रहा था। वह इसके पहले कई बैंकों में चोरी कर चुका था। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में उसके सीसीटीवी फुटेज मिल गए थे। जागृति के मोबाइल में भी चोर के फुटेज थे। उन्होंने संदीप को पहचान लिया और उसे पकड़ लिया। संदीप धक्का देकर भागा, लेकिन गार्ड व अन्य ने दबोच लिया।
टीआई तहजीब काजी के मुताबिक संदीप ने बताया कि वह बीकॉम तक पढ़ा है। पिता हरिदास का निधन हो चुका है। उसे क्रिकेट का सट्टा खेलने की लत है। उसने लव मैरिज की थी, लेकिन परेशान होकर पत्नी भी छोड़ गई। मां ने भी घर से निकाल दिया। इसी वर्ष जुलाई में इंदौर आया और अनूप नगर में किराए से रूम लेकर रहने लगा। पहले कर्जा उतारने के लिए चोरी करना शुरू की। कर्जा उतारा तो दोबारा सट्टा खेलना शुरू कर दिया।
सट्टे में फिर हार गया और आदतन चोर बन गया। संदीप अंग्रेजी बोल लेता है। वह कंधे पर बैग टांगकर बैंक में जाता था। पहले इधर-उधर देखता फिर रुपए जमा कराने के लिए पर्ची भरने लग जाता था। जैसे ही महिला अफसर सीट से उठती उनका पर्स खुद के बैग में भर लेता था। बाहर निकलते ही रुपए निकालकर पर्स फेंक देता था।
संदीप ने पूछताछ में बताया कि दो मोबाइल घर में डस्टबिन में पड़े हैं। टीम ने घर की सर्चिंग की और मोबाइल बरामद कर लिए। उसने डॉलर मार्केट में भी फोन बेचना कबूला है। आरोपित अभी तक 20 से ज्यादा घटनाएं कर चुका है।