अमेरिकी न्यायाधीश ने उत्तर कोरिया पर लगाया 50 करोड़ डॉलर का हर्जाना
अमेरिका की एक संघीय अदालत ने सोमवार को उत्तर कोरिया को ओटो वार्मबियर की बर्बर मौत के मामले में 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का हर्जाना देने का आदेश दिया है. यह आदेश उस वाद पर दिया गया जो वार्मबियर के परिजन ने दाखिल किया था. अमेरिकी जिला न्यायाधीश बेरिल होवेल ने परिवार के साथ सहमति जताते हुए वार्मबियर के साथ हुए बर्बर दुर्व्यवहार के लिए उत्तर कोरिया की तीखी निंदा की और कहा कि उत्तर कोरिया को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए.
उन्होंने फ्रेड एंव सिंडी वार्मबियर को चिकित्सीय खर्चों, आर्थिक नुकसान तथा पीड़ा के हर्जाने के रूप में यह राशि देने का आदेश दिया है. दोनों का आरोप था कि उनके बेटे को बंधक बना कर रखा गया और उसे प्रताड़ित किया गया. वार्मबियर वर्जीनिया यूनिवर्सिटी का छात्र था.
वह एक यात्रा समूह के साथ उत्तर कोरिया गया था. वहां उसे प्रचार-प्रसार का एक पोस्टर चुराने के संदेह में गिरफ्तार कर 15 साल के कठिन श्रम की सजा सुनाई गई थी. अमेरिका लौटने के तुरंत बाद जून 2017 में उसकी मौत हो गई थी. वह कोमा में लौटा था और हिरासत में उसे प्रताड़ित किए जाने के संकेत स्पष्ट नजर आए थे.
होवेल ने उत्तर कोरिया को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार ने वार्मबियर को एकदलीय राष्ट्र के वैश्विक छल-कपट और अमेरिका के साथ मुकाबले में प्यादे की तरह इस्तेमाल करने के लिए उसको पकड़ा था.