रविवार को बदरीनाथ हाईवे पर हुए बस हादसे में हालांकि दो महिला तीर्थयात्रियों की जान चली गई, लेकिन ये किसी चमत्कार से कम नहीं था कि 17 यात्रियों की जान इस तरह से बची।
यहां बदरीनाथ हाईवे पर आल वेदर रोड कटिंग का मलबा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का काम कर रहा है। पिछले 20 दिनों में भरपूर गदेरे में रोड कटिंग के मलबे से दो बड़ी दुर्घटनाएं होने से बचीं। रविवार को यहां पलटी तीर्थयात्रियों की बस यदि थोड़ा आगे पलटती, तो खाई में लुढ़क जाती। बीती 21 मई को भी देवप्रयाग से नौ सवारियों को दिल्ली ले जा रहा एक छोटा वाहन मलबे में फंसने से खाई में गिरने से बच गया था। रविवार को हुई दुर्घटना में भी यही मलबा 17 लोगों की जान बचा गया।
एसडीएम नूपुर वर्मा और थाना प्रभारी देवप्रयाग विनोद राणा ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस में सवार साहिबाबाद निवासी जैन परिवार के सदस्य बदरीनाथ धाम की यात्रा पर जा रहे थे। शनिवार को ऋषिकेश में रात्रि विश्राम के बाद वह रविवार तड़के जोशीमठ के लिए निकले थे। बस चालक ने दुर्घटना का कारण ब्रेक फेल होना बताया है।
सात घायलों श्रेया जैन, वीरेंद्र जैन, प्रेमलता जैन, रश्मि जैन, हरेंद्र सिंह, रश्मि जैन-2, राजेश जैन को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के लिए रेफर किया गया। वहीं राजेश जैन की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। जबकि हरेंद्र सिंह के अलावा अन्य सभी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
अनुज जैन, विनीता जैन, सुहानी, आशिका, लवेन, रश्मि पत्नी राकेश जैन, रश्मि पत्नी अनूप जैन, श्रेया जैन, प्रशांत जैन, राजेश जैन, ऋषभ जैन व प्रेमलता जैन सभी निवासी साहिबाबाद, वीरेंद्र जैन निवासी महावीर नगर मेरठ, बस चालक कुलदीप सिंह निवासी ग्राम कंडी जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश और परिचालक हरेंद्र सिंह निवासी इंद्रा इनक्लेव, लोनी रोड गाजियाबाद घायल हो गए।