धोनी ने 14 साल तक छठे नंबर पर की बल्लेबाजी, यह कहा क्रम बदलने के सवाल पर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में वापसी करने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तीन मैचों में तीन हाफ सेंचुरी लगाकर मैन ऑफ द सीरीज का खिताब हासिल किया. धोनी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम में वह किसी स्थान को तरजीह नहीं देते और टीम की जरूरत के अनुसार किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं. धोनी ने मेलबर्न में हुए तीसरे वनडे में भारत को सात विकेट से जीत दिलाकर टीम को सीरीज2-1 से अपने नाम करने में मदद की.
आम तौर पर छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले धोनी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे, उन्होंने 114 गेंद का सामना करते हुए छह चौके की मदद से 87 रन की नाबाद पारी खेली. धोनी से जब पूछा गया कि वह कहां बल्लेबाजी करना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करके खुश हूं. अहम चीज यह है कि टीम को मेरी जरूरत कहां है. ’’
यह कहा अपनी बल्लेबाजी क्रम पर धोनी ने
उन्होंने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं चौथे नंबर पर खेलूं या छठे नंबर पर, हमें देखना होगा कि टीम का संतुलन बरकरार रहे. मैं निचले क्रम में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करके खुश हूं. 14 साल खेलने के बाद मैं यह नहीं कह सकता कि मैं छठे नंबर पर बल्लेबाजी नहीं कर सकता.’’ मैच में रणनीति के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, ‘‘यह धीमा विकेट था, इसलिए आपकी इच्छानुसार हिट करना मुश्किल था. इसलिए अच्छी गेंदबाजी करने वाले गेंदबाजों पर शाट लगाने का कोई मतलब नहीं था. निश्चित रूप से केदार (जाधव) ने शानदार सहयोग किया, जो अपारंपरिक शाट खेलता है. उसने रणनीति के अनसार खेलने में अच्छा काम किया. ’’
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने जीत के लिए टीम की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘‘यह बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट नहीं था. केदार बल्ले और गेंद से हमेशा उपयोगी रहता है. कुलदीप ने कुछ मैच खेले थे, इसलिए आप नहीं चाहते कि वे उसे समझ लें. इसलिए हम युजवेंद्र चहल को लेकर आये, जिसने शानदार खेल दिखाया.’’ भारत पहली बार आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर तीनों प्रारूपों में नहीं हारा और कोहली ने कहा कि यह आगामी विश्व कप के लिए अच्छा है.
कोहली ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए शानदार दौरा रहा. हमने टी20 सीरीजड्रा करायी, टेस्ट और वनडे सीरीज जीती. हम आत्मविश्वास से भरे हैं और विश्व कप को देखते हुए हमारी टीम संतुलित है.’’ चहल ने सीरीजमें पहला मैच खेलते हुए मैन आफ द मैच का पुरस्कार हासिल किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आस्ट्रेलिया में पहली बार गेंदबाजी करने का लुत्फ उठाया.’’
धोनी ने इस सीरीज के आखिरी दो मैचों में धोनी ने हाफ सेंचुरी तो लगाई, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने टीम को जीत दिलाते हुए खुद का विकेट भी नहीं गंवाया. आखिरी वनडे में तो धोनी को दो जीवनदान भी मिले और एक बार आउट होने के बाद भी उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने अपील नहीं की थी. धोनी ने इस मैच में 114 गेंदों पर छह चौकों की मदद से केवल 87 रनों की पारी खेली थी.