उत्तराखंड

ऑनलाइन गेमिंग के जरिये खिला रहे हैं जुआ, जीतने पर नगद धनराशि जैसे ऑफर

ऑनलाइन गेमिंग के जरिये चल रहा जुए का कारोबार अब बड़ा आकार ले चुका है। ऑनलाइन गेम बनाने वाले सट्टा कारोबारी मोबाइल एप के जरिए लोगों तक गेम पहुंचा रहे हैं। जिसे जीतने पर गिफ्ट या नगद धनराशि देने का ऑफर दिया जा रहा है। यहां तक की बड़े रेस्टोरेंट और होटल में फ्री खाना खाने तक की बात कही जाती है। एंड्राइड फोन सपोर्टेड गेम में सबसे ज्यादा संलिप्तता युवा वर्ग की है, जो ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में फंसकर समय और पैसा, दोनों गंवा रहा है।

ऐसे लगा रहे ऑनलाइन गेमिंग की लत

ऑनलाइन गेम के जरिये जुआ खेलने का धंधा घरों तक पहुंच गया है। ऑनलाइन जुआ का कारोबार करने वाले युवाओं को मोबाइल एप के जरिये गेम खेलने की आइडी बनाकर देते हैं। फिर प्वाइंटों में गेम चलता है। गेम के जरिये जुआ खेलने वाले युवा एक रुपये में एक प्वाइंट खरीदते हैं, जो उनके मोबाइल एप में रहता है। लत लगने के कारण प्वाइंट हारने पर युवा फिर रुपये खर्च कर प्वाइंट खरीदने को विवश हो जाता है।

खूब है ऑनलाइन गेम की डिमांड

एंड्राइड मोबाइल रखने वालों के लिए घर बैठे ही ऑनलाइन जुआ खेलना आसान हो गया है। गूगल पर ऐसे खास ऑनलाइन गेम का पिटारा खुल जाता है। फन अंदर-बाहर, फन टायगेट, ट्रिपल फन, रोलेट जैसे ऑनलाइन गेम खूब चल रहे हैं। खेल में हारने या जीतने पर खेलने वाला शहर में इस कारोबार को चलाने वाले के पास पहुंचता है और प्वाइंट खरीदता-बेचता है।

क्या कहती है पुलिस

निवेदिता कुकरेती (एसएसपी, देहरादून) का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग खेलने का सबसे बड़ा माध्यम स्मार्ट फोन है। हर किसी के फोन को ट्रैक तो नहीं किया जा सकता, लेकिन साइबर सेल को ऑनलाइन गेमिंग मुहैया कराने वालों के बारे में पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस बारे में तकनीकी विशेषज्ञों से भी इनपुट लेकर कार्रवाई की जाएगी।

रिधिम अग्रवाल (डीआइजी, स्पेशल टॉस्क फोर्स, उत्तराखंड) का कहना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग को पकड़ना आसान नहीं होता। फिर भी साइबर तकनीकी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की मॉनीटरिंग कर कार्रवाई की जाती है। साइबर क्राइम पुलिस उन सभी पहलुओं पर गौर कर रही है, जिनके जरिये ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी को बढ़ावा मिल रहा है।

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