गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी, कई राज्यों की झाकियां राष्ट्रपिता को ही समर्पित रही
भारत के 70वें गणतंत्र दिवस का जश्न शनिवार को राजपथ पर बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस समारोह में इस बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा मुख्य अतिथि रहे. वहीं राजपथ पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेना प्रमुखों के साथ अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी है और कई राज्यों की झाकियां राष्ट्रपिता को ही समर्पित रहीं .
पीएम मोदी इस साल भी पारंपरिक कुर्ता-पायजामा के साथ जैकेट पहने नजर आए. उन्होंने राजपथ पहुंच कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्य अतिथि का स्वागत किया.
परेड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ पर पैदल चलकर वहां मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला.
ध्वजारोहण के दौरान बैंड ने राष्ट्रगान बजाया और 21 तोपों की सलामी दी गई. इसी के साथ तिरंगा भी फहराया गया.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित मोदी सरकार के अधिकतर मंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी समारोह में शिरकत की.
गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय सेना के तीनों अंगों ने शक्ति प्रदर्शन किया. इसमें दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाले हथियारों को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया गया. सेना की अलग-अलग टुकड़ियों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. परेड की शुरुआत में T-90 (भीष्म) टैंक की झांकी ने सबका ध्यान खींचा.
राजपथ पर वायुसेना ने अपने शक्तिशाली ध्रुव और रूद्र हेलीकॉप्टरों का प्रदर्शन किया. इसके साथ ही आकाश मिसाइल को भी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया गया. इसके साथ ही के-9 वज्र-टी स्वचालित होवित्जर तोपों को भी परेड में उतारा गया. इस झांकी का नेतृत्व कैप्टन देवांश भूटानी ने किया.
गणतंत्र दिवस परेड में सूबेदार मेजर रमेश ए के नेतृत्व में 9 मोटरसाइकिलों पर 33 सैनिक सवार होकर हाथ में तिरंगा थाम राजपथ से गुजरे. वायुसेना की ओर से सुखोई और मिग लड़ाकू विमान का भी आसमान में प्रदर्शन किया गया. समारोह में नारी शक्ति का भी बोलबाला रहा. असम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने पहली बार परेड में हिस्सा लेकर एक इतिहास बनाया. इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया. नौसेना, सेना सेवा कोर की टुकड़ी और कोर ऑफ सिग्नल्स की एक इकाई का नेतृत्व भी महिला अधिकारियों ने किया.
परेड में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से ऊंटों पर बैठे अपने बैंड का प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने ‘हम हैं सीमा सुरक्षा बल’ की धुन बजाई. राज्यों की झांकियों में पंजाब की ओर से जलियांवाला बाग नरसंहार को प्रदर्शित किया गया.
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत में जब राजपथ पर 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान शुरू हुआ तब देशभक्ति का मानो ज्वार उमड़ पड़ा. 2281 फील्ड रेजीमेंट की सात केनन ने समन्वित तरीके से तोपों की सलामी दी. इसकी शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई और समापन भी राष्ट्रगान की अंतिम पंक्ति के साथ ही हुआ.
21 तोपों की सलामी की अवधि राष्ट्रगान की अवधि के बराबर ही थी. कुल 52 सेकंड में 21 तोपें दागी गईं. गणतंत्र दिवस के अलावा तोपों का इस्तेमाल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर, 15 जनवरी को सेना दिवस पर, 30 जनवरी को शहीद दिवस पर और राष्ट्रपति भवन में दूसरे देशों के प्रमुखों के स्वागत के लिए किया जाता है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर विभिन्न राज्यों की झांकियों के साथ सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और विकास पर आधारित केंद्र सरकार के विभागों की झांकियां परेड का हिस्सा बनीं. सांस्कृतिक विषय पर आधारित कुछ झांकियों में लोक नृत्य भी हुआ. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजे गए 26 बच्चे भी खुली जीप में बैठकर झांकी का हिस्सा बने. इनमें 6 छात्राएं और 20 छात्र शामिल थे.