गणतंत्र दिवस पर आज उन्होंने कांग्रेस के प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने के फैसले की सराहना की
लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ अपनी पार्टी का गठबंधन करने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अब कांग्रेस के साथ भी संबंध मधुर रखने के प्रयास में हैं। गणतंत्र दिवस पर आज जनेश्वर मिश्र पार्क में झंडारोहण के बाद उन्होंने कांग्रेस के प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने के फैसले की सराहना की।
कांग्रेस के प्रियंका गांधी को पार्टी में महासचिव बनाने के फैसले पर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी को खुशी है कि कांग्रेस में युवाओं को मौका दिया जा रहा है। प्रियंका गांधी को पार्टी में पहली बार कोई जिम्मेदारी देने पर अखिलेश यादव ने तीन दिन बाद कोई प्रतिक्रिया दी है।उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका गांधी की एंट्री से यूपी में कांग्रेस की जड़ें मजबूत होंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के अब सक्रिय राजनीति में प्रवेश से जहां जहां सियासत का संवाद तीन दिन से उन पर केंद्रित है, वहीं प्रियंका को उत्तर प्रदेश की कमान मिलने से राजनीतिक दलों में हलचल भी बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन के समय कांग्रेस को सिर्फ दो सीट देने की बात करने वाले अखिलेश यादव के सुर अब बदल गए हैं। अखिलेश यादव ने प्रियंका गांधी के कांग्रेस महासचिव बनने पर तीन दिन बाद शुभकामनाएं दी हैं।
सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश में प्रभारी बनने पर पहली बार बयान देते हुए कहा है कि नए लोगों का राजनीति में स्वागत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में जितने नए लोग आएं, हम समाजवादियों को उसे बहुत खुशी होती है। अखिलेश ने आगे कहा कि मैं प्रियंका गांधी वाड्रा मुबारकबाद देता हूं और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बड़े निर्णय पर बधाई देता हूं। अखिलेश ने कहा कांग्रेस और उनके अध्यक्ष ने अच्छा फैसला लिया है।
कांग्रेस से अब भविष्य में दोस्ती के सवाल को अखिलेश यादव टाल गए। जब संवाददाताओं ने उनसे कांग्रेस के साथ आने वाले वक्त के समीकरणों को लेकर सवाल किया तो अखिलेश कहने लगे कि क्या सवाल पूछ रहे हो, देखो जनेश्वर मिश्र पार्क में कितना अच्छा मौसम हो रहा है। इसके अलावा अखिलेश से प्रियंका या गठबंधन को लेकर जो भी सवाल किए गए, उनका उन्होंने गोल मोल तरीके से जवाब दिया।
अखिलेश का यह रुख इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि 23 जनवरी को जब प्रियंका गांधी के नाम की कांग्रेस महासचिव के रूप में घोषणा हुई तो उसके कुछ देर बाद ही राहुल गांधी ने कहा था कि वह अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के गठबंधन का सम्मान करते हैं और उनकी इनसे कोई दुश्मनी नहीं है। इसके आगे उन्होंने भविष्य के सवाल पर कहा था कि वह मायावती जी और अखिलेश के साथ कहीं भी सहयोग करने को तैयार हैं। राहुल ने कहा था कि हम तीनों का लक्ष्य भाजपा को हराना तथा सत्ता से बाहर करना है। बधाई देने में लग गए तीन दिन
प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस महासचिव बनाए जाने की घोषणा 23 जनवरी को हुई थी। अब तक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें लेकर कोई बयान नहीं दिया था। अब मीडिया से बातचीत में उन्होंने प्रियंका से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए उनका स्वागत किया और इसे राहुल गांधी का अच्छा फैसला बताया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी तक प्रियंका गांधी को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यूपी में महागठबंधन के तीसरे साथी व राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी कांग्रेस में प्रियंका के आगाज का स्वागत कर चुके हैं।
अखिलेश ने सपा कार्यकर्ताओं के उनको भावी प्रधानमंत्री बताए जाने के सवाल पर कहा कि हमने कोई नारा कहा था, वह पोस्टर में लिख दिया गया है। हम नए प्रधानमंत्री देने में यकीन करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों में इस बार इनकाउंटर के आंकड़े शामिल करने पर अखिलेश ने कहा कि इस बार जनता वोट से इनका एनकाउंटर करेगी।