बाराकोट हादसा: एक साथ जलीं नौ चिताएं, छलक उठीं लोगों की आंखें
बाराकोट ब्लाक में लीसा डिपो के पास रविवार को सड़क दुर्घटना में मारे गये आठ लोगों और हादसे में मारे गये बेटे के गम में दम तोड़ने वाले पिता का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। रामेश्वर घाट पर एक साथ नौ चिताओं के जलते ही लोगों की आंखें छलक उठीं।
सोमवार को बाराकोट में पोस्टमार्टम होने के बाद छह शव और मिरतोली गांव से तीन शव रामेश्वर घाट लाये गये। मृतक खिलानंद के पुत्र प्रकाश चंद्र और नवीन चंद्र, मृतक कृष्ण चंद्र जोशी के पुत्र हरीश चंद्र और गिरीश चंद्र, मृतक प्रकाश सिंह के पुत्र अर्जुन सिंह और जगत सिंह, मृतक तारादत्त जोशी के पिता 72 वर्षीय नारायण दत्त जोशी, मृतक त्रिलोक सिंह के भाई मनोज सिंह और चचेरे भाई जगदीश चंद, मृतक सुरेश चंद के पुत्र पवन चंद, पुनई के मृतक दिलीप सिंह के भाई गोविंद सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी।
उधर, बेटे कृष्ण चंद्र जोशी की हादसे में मौत का गम 72 वर्षीय पिता हेम चंद्र जोशी नहीं सह सके। इकलौते बेटे का शव देखने के कुछ घंटों बाद ही सदमे में उन्होंने भी दम तोड़ दिया। उनका भी रामेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।