उ. कोरिया को मिलेगी अमेरिकी रियायत, लेकिन जानें क्या होगी इसकी बड़ी शर्त..
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन की दूसरी शिखर वार्ता को लेकर अमेरिकी विशेष दूत ने गुरुवार को कहा, यदि प्योंगयांग अपने हथियार कार्यक्रम का पूरा खुलासा करे और परमाणु हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हो तो संयुक्त राज्य अमेरिका उसे काफी रियायतें दे सकता है।
कैलिफोर्निया के पालो अल्टो में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अमेरिका के विशेष दूत स्टीफन बेगुन ने अपने भाषण में यह बात कही। हालांकि, इसके बदले में अमेरिका, उत्तर कोरिया को क्या रियायत देगा इस पर उन्होंने विस्तार से नहीं बताया। बेगुन का यह भाषण इसलिए अहम है क्यों कि वह उत्तर कोरियाई वार्ताकारों के साथ वार्ता करने से पहले, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के साथ बैठकों के लिए रविवार को सियोल पहुंचेगी। आखिर क्या है बेगुन के भाषण के निहितार्थ।
प्रायद्वीप में स्थाई शांति व्यवस्था स्थापित करना प्रमुख मकसद
उन्होंने अपने भाषण में कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करने के लिए अमेरिका व्यापक चर्चा करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए और प्रायद्वीप में स्थाई शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए सिंगापुर शिखर सम्मेलन के उद्देश्यों पर समानांतर रूप से आगे बढ़ा जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने सिंगापुर में जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच पिछले जून में हुई अभूतपूर्व मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का उत्तर कोरिया के साथ संबंधों में एक सकारात्मक बदलाव आया है। गुरुवार को ओवल में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि किम के साथ एक दूसरे शिखर सम्मेलन की तारीख और स्थान की घोषणा अगले सप्ताह की शुरुआत में की जाएगी।
कब तक लागू रहेगा अमेरिकी प्रतिबंध
उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया को लगातार यह शिकायत रही है कि अमेरिका ने हथियारों की समाप्त करने और परीक्षण मुक्त करने के एवज में अधिक सुविधाएं नहीं दी है। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी नेतृत्व से प्रतिबंधों को समाप्त करने और सुरक्षा की गांरटी देने के लिए बार-बार आग्रह किया है। बेगुन ने कहा कि जब तक उत्तर कोरिया का परमाणु अस्त्र निरस्त्रीकरण पूरा नहीं हो जाता, तब तक अमेरिका प्रतिबंधों को नहीं उठाएगा। उन्होंने कहा लेकिन इसका यह आशय कतई नहीं है कि हमने यह नहीं कहा कि जब तक आप सब कुछ नहीं करेंगे तब तक हम कुछ नहीं करेंगे।
परमाणु और मिसाइल साइटों तक विशेषज्ञों की पहुंच को बताया जरूरी
उत्तर कोरिया की लंबी मांगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोरिया को अंततः परमाणु और मिसाइल साइटों तक विशेषज्ञों की पहुंच और निगरानी तंत्र की अनुमति देने जरूरत है। बेगुन ने जोर देकर कहा कि वाशिंगटन के विचार में प्योंगयांग ने अभी तक उस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया विभाग के निदेशक डैन कोट ने मंगलवार को कांग्रेस से कहा कि उत्तर कोरिया अपने सभी परमाणु हथियारों को छोड़ने की संभावना नहीं है, और उसकी प्रतिज्ञाओं के साथ असंगत गतिविधि जारी है।
उत्तर कोरिया के प्रति अमेरिकी दृष्टिकोण पर विस्तार से बताते हुए बेगुन ने कहा कि सिंगापुर शिखर सम्मेलन के बाद अमेरिका का उत्तर कोरिया के प्रति दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव आया है। अमेरिका ने अपने नियमों को और आसान किया है।