मजदूरों और नौकरी पेशा लोगों के लिए सरकार ने खोला पिटारा
इस साल के बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने श्रमिकों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना का ऐलान किया है। इसमें मजदूरों को 7 हजार रुपये का बोनस देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने इस अंतरिम बजट में किसानों के साथ-साथ मजदूरों और श्रमिकों के लिए पिटारा खोल दिया है। इस बजट में जिन मजदूरों की आय 21 हजार रुपये हैं उन्हें 7 रुपये का बोनस देने का ऐलान किया है।
इसके अलावा नौकरी पेशा लोगों के लिए भी सरकार ने ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख तक कर दी है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने रोजगार के मोर्चे पर सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि पिछले 5 साल में रोजगार के मौके बढ़े हैं। अब रोजगार की तलाश करने वाले लोग ही रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं। मुद्रा योजना में 15 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए गए हैं।
मजदूरों के लिए पेंशन स्कीम का ऐलान किया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाई गई है। जिन लोगों का EPF कटता है उनको 6 लाख रुपये तक की बीमा का लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री ने 10 करोड़ मजदूरों के लिए पेंशन योजना का भी ऐलान किया है। कम से कम 3,000 रुपये का पेंशन दिया जाएगा। सरकार ने नौकरी पेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स में राहत देते हुए इसकी सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है।
वित्त मंत्री ने मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए कहा है कि इस योजना के तहत अब तक 15 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए गए हैं। केवल सरकारी नौकरी अब नौकरी नहीं रह गई है। नौकरी खोजने वाले लोग अब नौकरी दे रहे हैं। MSME के लिए 59 मिनट में 1 करोड़ का लोन देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना के तहत 15 हजार रुपये से कम वेतन पाने वाले लोगों को भी पेंशन का लाभ दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि मुद्रा योजना के तहत 70 फीसद महिला लाभार्थी है। इसके अलावा सरकार 10 करोड़ मजदूर के लिए पेंशन योजना लाएगी। इस योजना के तहत कम से कम 3,000 रुपये का पेंशन दिया जाएगा।
आपको बता दें कि पिछले बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अद्योगों के लिए कई अहम ऐलान किए थे। वित्त मंत्री ने गरीबों के अलावा उद्योगों के लिए भी कई अहम ऐलान किए थे। टेक्सटाइल सेक्टर के लिए सरकार ने 6 हजार करोड़ का प्रावधान किया था। वहीं बजट में छोटे और मझौले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अलग से 3,994 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। देश में छोटे उद्योग को पनपने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मुद्रा योजना के तहत तीन लाख करोड़ का प्रावधान भी किया था। ऐसे में युवा नौकरियां करने के बजाय अपना उद्योग शुरू करके दूसरों को नौकरी दे सके।