जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा, जवाहर टनल-बनिहाल में हो रही बर्फबारी
जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकोें में बारिश से शीतलहर का प्रकोप जारी है। शुक्रवार को भी श्रीनगर शहर व उसके साथ लगते ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जवाहर टनल और उसके साथ लगते बनिहाल इलाके में बर्फबारी हुई। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन और फिसलन होने के कारण ट्रैफिक दोनों ओर से रोक दिया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले चौबीस घंटों के दौरान घाटी में उच्च पर्वतीय श्रृंखला में बर्फबारी और जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश जारी रहेगी। शनिवार दोपहर बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण जम्मू मुख्य बस स्टेंड में सैकड़ों यात्री तीन दिनों से फंसे हुए हैं। यही नहीं हाइवे पर भी तीन हजार से अधिक गाड़ियां फंसी हुई हैं। जिनमें कई माल वाहक वाहन भी हैं जो कश्मीर घाटी में आवश्यक खाद्य पदार्थ लेकर जा रहे हैं। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -0.5 दर्ज किया गया। गुलमर्ग में सबसे ज्यादा ठंड रही जहां न्यूनतम तापमान -7.6 डिग्री सेल्सियस रहा। लेह में तापमान -6 चल रहा है जबकि कारगिल और द्रास में तापमान -16.8 डिग्री सेल्सियस है। यहां सर्वाधिक ठंड का प्रकोप है। जम्मू का न्यूनतम तापमान 8.1, कटड़ा का 5.4, बटोत का -1.6, बनिहाल -0.5 जबकि भद्रवाह का तापमान -0.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
ट्रैफिक विभाग के अनुसार रामबन में भूस्खलन हुआ है। यही नहीं पत्तनीटाप में भी बर्फबारी हो रही है। लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर रख ट्रैफिक विभाग ने ऊधमपुर के जखैनी इलाके से श्रीनगर की ओर जाने वाले वाहनों को वहीं रोक दिया है। इसके अलावा पंचैरी, बसंतगढ़ और डुड्डू-लाटी में भी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है जिसके चलते ये इलाके मुख्य सड़क से कट गए हैं। बर्फबारी के चलते डोडा-बटोत मार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। यहां करीब 100 वाहन मार्ग बंद होने के कारण फंसकर रह गए हैं।
इसके अलावा किश्तवाड़ में भी बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा गुलाबढ़-किश्तवाड़ के बीच भूस्खलन भी हुआ है जिसके कारण बटोत जाने वाला मार्ग वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक विभाग के अनुसार बर्फबारी बंद होने के बाद सड़क से बर्फ हटाने का काम किया जाएगा। वाहनों की आवाजाही तभी शुरू की जाएगी जब वह सुरक्षित माना जाएगा। अकसर बर्फ हटने के बाद मार्ग पर फिसलन बढ़ जाती है जाे खतरे का सबब नती है। ऐसे में यह मार्ग कब खोला जाएगा इसके बाद में बाद में सूचित किया जाएगा।