उत्तराखंड

हज यात्रा के लिए खून की जांच और एक्स-रे की अनिवार्यता खत्म

हज यात्रा-2019 के लिए चयनित मुसलिमों के लिए अच्छी खबर है। ऑल इंडिया हज कमेटी ने खून की जांच और छाती के एक्स-रे की रिपोर्ट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब केवल एमबीबीएस डाक्टर से बनवाया मेडिकल सर्टिफिकेट ही काफी होगा। इस संबंध में ऑल इंडिया हज कमेटी ने सर्कुलर जारी कर मेडिकल सर्टिफिकेट का प्रारूप भी मोमीनों के लिए वेबसाइट पर डाला है।

इस बार ऑल इंडिया हज कमेटी की ओर से हज पर जाने वाले मोमीनों से खून की जांच और छाती के एक्स-रे की रिपोर्ट पहली किस्त के साथ जमा कराना अनिवार्य किया गया था। साथ ही ऐसा न करने पर उनका चयन रद करने की चेतावनी भी दी गई थी। मोमीनों ने इसमें दिक्कत आने का हवाला देते हुए इसकी अनिवार्यता खत्म करने की मांग की थी। उत्तराखंड हज कमेटी के अधिशासी अधिकारी मोहम्मद मीशम ने बताया कि हज यात्री को अब एक्स-रे और खून की जांच की रिपोर्ट जमा कराने की जरूरत नहीं है। ऑल इंडिया हज कमेटी की ओर से इस संबंध में सरर्कुलर जारी कर दिया गया है।

हज यात्रा-2019 के लिए चयनित मोमीनों के लिए हज की पहली किस्त जमा कराने की तिथि बढ़ा दी गई है। अब मोमीन 15 फरवरी तक पहली किस्त जमा करा सकते है। पहले पांच फरवरी अंतिम तारीख थी। अधिशासी अधिकारी मोहम्मद मीशम ऑल इंडिया हज कमेटी की ओर से इस संबंध में सरकुर्लर जारी हो गया है। वेबसाइट पर ऑनलाइन या एसबीआई एवं यूनियन बैंक के माध्यम से हज कमेटी के खाते में जमा करा सकते है। प्रदेश से 1232 मोमीन इस बार हज यात्रा पर जाने है। 15 फरवरी तक पहली किस्त के रूप में 81000 एवं दूसरी किस्त 20 मार्च तक 120000 रुपये जमा कराई जा सकती है। बताया कि फीस कमेटी की वेबसाइट या एसबीआई एवं यूनियन बैंक में जमा कराई जा सकती है। उसके बाद ओरिजनल पासपोर्ट, मेडिकल सर्टिफिकेट और दो फोटो के साथ पे-स्लिप राज्य हज कमेटी के कार्यालय में जमा करानी होगी।

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