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यातायात सुरक्षा प्रशासन का बड़ा फैसला: जल्द शुरू होने वाला है ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम का चलन

सड़क सुरक्षा को लेकर पश्चिमी देशों में नई तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जापान और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेतृत्व में 40 देशों ने नई कारों एवं हल्के वाणिज्यिक वाहनों में ऑटोमेटेड (स्वचालित) ब्रेकिंग सिस्टम लगाने पर सहमति जताई है। हालांकि, भारत, अमेरिका एवं चीन जैसे प्रमुख बड़े देश अभी इसके पक्ष में नहीं हैं। 

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) ने मंगलवार को कहा कि इस तकनीक से लैस वाहन अगले साल से बाजार में उपलब्ध होंगे। एजेंसी का कहना है कि नए प्रस्ताव केवल हस्ताक्षर करने वाले देशों के बाजारों में बेची गई नई कारों को प्रभावित करता है। हालांकि, सड़क पर पहले से चल रहीं पुरानी कारों और ट्रकों में इसे लगाना जरूरी नहीं होगा। 

कम रफ्तार पर ही काम करेगा सेंसर

एजेंसी के मुताबिक, सभी वाहनों को ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम तकनीक से लैस करने के लिए नियमों की जरूरत होगी। इसके लिए वाहनों में सेंसर लगाए जाएंगे, जो इस पर ध्यान देंगे कि पैदल चलने वाला या कोई चीज वाहन से कितना करीब है। यदि ऐसे लगता है कि टक्कर हो सकती है और चालक समय पर ब्रेक नहीं लगा पाता है तो प्रणाली अपने आप से ब्रेक लगा देगी। खास बात है कि यह प्रणाली तभी काम करेगी, जब वाहनों की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा (42 मील प्रति घंटे) या उससे कम हो।

अगले साल से जापान में होगा इस्तेमाल

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (यूएनईसीई) के प्रवक्ता जेन रोड्रीग्ज ने कहा कि ऑटोमेटेड ब्रेकिंग सिस्टम से लैस वाहन सबसे पहले जापान में अगले साल से बनने लगेंगे। वहीं, 2022 से यूरोपीय संघ और उसके कुछ पड़ोसी भी इस प्रस्ताव का पालन करने लगेंगे। यूएनईसीई के मुताबिक, 2016 में यूरोपीय संघ में सड़क हादसे में 9,500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। यूरोपीय संघ आयोग का अनुमान है कि ब्रेकिंग सिस्टम एक साल में 1,000 से अधिक जीवन बचाने में मदद कर सकता है।

सिर्फ चार कंपनियों ने बनाए थे मानक

एजेंसी ने 2017 में सुरक्षा तकनीक पर आई सबसे ताजा रिपोर्ट में कहा था कि 20 वाहन निर्माताओं में से सिर्फ चार ने अपने आधे से अधिक मॉडल में ऑटोमेटेड ब्रेकिंग मानक बनाए थे। ये वाहन निर्माता कंपनियां टेस्ला, मर्सिडीज बेंज, टोयोटा और वॉल्वो हैं। इससे पहले 2016 में 20 वाहन निर्माताओं ने अमेरिकी सरकार के साथ सितंबर 2022 तक सभी वाहनों में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम लगाने के लिए समझौता किया था। हालांकि, इसका पालन करना वाहन निर्माताओं की मर्जी पर निर्भर है।

सड़क सुरक्षा पर ट्रंप प्रशासन कमजोर

दरअसल, अमेरिका, चीन और भारत संयुक्त राष्ट्र फोरम के सदस्य हैं, जिन्होंने नए प्रस्ताव को अपनाया है। हालांकि, कोई इस समझौते में शामिल नहीं हुआ क्योंकि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि घरेलू ऑटो उद्योग के नियमों को संयुक्त राष्ट्र के नियमों पर तरजीह दी जाए। गैर-लाभकारी केंद्र ऑटो सुरक्षा के कार्यकारी निदेशक जेसन लेविन का कहना है कि ऑटो सुरक्षा के मामले में अमेरिका कभी नेतृत्वकर्ता देश था। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र समूह में अमेरिका की कम भागीदारी एक देश के लिए शर्मनाक है। यह अमेरिका के ऑटो उद्योग के लिए एक और संकेत है कि सड़क सुरक्षा के मामले में ट्रंप प्रशासन का नेतृत्व कमजोर है।

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