मुसलमानों पर भरोसा जताना शुरू करें, नहीं तो अंजाम बुरा होगा : फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में नेकां अध्यक्ष एवं सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पुलवामा हमले की ओर इशारा करते हुए कहा कि पाकिस्तान की करतूत के लिए कश्मीर के मुसलमान जिम्मेदार नहीं हैं। वे भी आतंकी हमलों का मुकाबला कर रहे हैं। आज देशभर में कश्मीर के बच्चों को जिस तरह से परेशान किया जा रहा है, वह गलत है। उनके घरों में लौटने पर इसके नतीजे खराब होंगे। देश को मजबूत बनाने के लिए सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। पुलवामा जैसे हमले तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि कश्मीर समस्या का राजनीतिक हल नहीं निकलता है।
फारूक ने देशभर में कश्मीरी छात्रों तथा कारोबारियों पर हो रहे हमले पर कहा कि हमले में सामान्य जनता की किसी प्रकार की भूमिका नहीं है। कर्फ्यू लगने के बाद भठिंडी इलाके के एक मस्जिद में ठहरे कश्मीरी लोगों से बात करते हुए कहा कि इस प्रकार के हमले जारी रहेंगे और इसमें तब तक कमी नहीं आएगी जब तक कि कश्मीर समस्या का समाधान नहीं कर लिया जाता है। कृपया कर हमें मारे नहीं। हमारा हमले में ना तो कोई रोल है और ना ही आतंकवाद के साथ हैं।
हम शांति के साथ रहना चाहते हैं। पढ़ाई करना चाहते हैं और दो वक्त की रोटी जुटाना चाहते हैं। आप लोगों ने कुछ बी गलत नहीं किया है लेकिन इल्जाम लगता है। हमें शांति बनाकर रखनी है और माहौल को सामान्य बनाने में भूमिका निभानी है। नाम लिए बगैर कहा कि कुछ शक्ति लोगों के बीच खाई पैदा करना चाहती है, लेकिन हम शांति बनाए रखकर उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। फारूक ने गृह मंत्री की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का हवाला भी दिया। कहा कि उन्होंने बैठक में कहा था कि यह हमलोगों की नहीं बल्कि आपकी गलती है क्योंकि आपने यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया।