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PM मोदी ने किया अनुरोध, सऊदी अरब ने तत्‍काल 850 भारतीय कैदियों को रिहा करने का दिया आदेश

 सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर बुधवार को अपने देश की जेलों में बंद 850 भारतीय कैदियों को रिहा किए जाने का आदेश दिया है. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. पीएम मोदी और सऊदी प्रिंस की वार्ता के बाद मंत्रालय ने घोषणा की कि भारत सऊदी नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा बढ़ाएगा. वहीं एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम का हिस्सा बनते हुए सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ में शामिल हो गया.

वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के सम्मान में आयोजित भोज के दौरान कहा कि भारत सऊदी अरब के ‘विजन 2030’ में साझेदार बनना चाहता है. भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर आए सऊदी अरब के युवराज का स्वागत करते हुए कोविंद ने कहा कि भारत सऊदी अरब के साथ अपने सौहार्द्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों का महत्व देता है और खाड़ी क्षेत्र को अपना वृहत पड़ोस मानता है.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, कोविंद ने कहा कि हमें अपने मौजूदा विक्रेता-खरीदार के संबंध को आगे सामरिक स्तर तक ले जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत सऊदी अरब के ‘विजन 2030’ में साझेदार बनने को इच्छुक है.

सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक बातचीत के बाद बुधवार को कहा कि आतंकवाद एवं उग्रवाद ‘‘साझा चिंताएं’’ हैं तथा इनसे निबटने के लिए सऊदी भारत एवं क्षेत्र के अन्य देशों को सभी तरह का सहयोग देगा.

दोनों नेताओं ने परस्पर वार्ता के बाद अपने अपने प्रेस बयानों में पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया. हालांकि बाद में विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पुलवामा आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को दोनों नेताओं के बीच वार्ता में रेखांकित किया गया और पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में भर्त्सना की गई.

इस मुलाकात से दो दिन पहले प्रभावशाली अरब नेता ने इस्लामाबाद की अपनी यात्रा सम्पन्न की. जैश ए मोहम्मद द्वारा पुलवामा में किए गये आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत एवं पाकिस्तान के बीच आपसी संबंधों में आए नए तनाव के चलते अरब नेता की इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

मोदी ने बयान में हमले को आतंकवाद की समस्या का एक ‘‘क्रूर संकेत’’ बताया तथा आतंकवादियों एवं उनका समर्थन करने वालों को कड़े दंड की मांग की गई. बहरहाल, सऊदी युवराज ने अपने बयान में पुलवामा हमले का उल्लेख नहीं किया.

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