ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई को सशर्त संस्तुति देगी केजरीवाल सरकार
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए दिल्ली सरकार कानूनविदों से सलाह ले रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के रणनीतिकार हरियाणा में राजनीतिक हित साधने के लिए चौटाला की रिहाई में कुछ शर्त जुड़वाना चाहते हैं। इनमें सबसे अहम है कि चौटाला जेल से बाहर आने पर राज्य की राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
हो सकता है कि दिल्ली सरकार रिहाई की संस्तुति में यह शर्त नहीं रखे, लेकिन हाई कोर्ट के संज्ञान में वह बात जरूर लाएगी जब केंद्रीय गृह मंत्रलय ने एक प्रपत्र के माध्यम से पैरोल पर आए ओमप्रकाश चौटाला के राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हिस्सा लेने पर विरोध जताया था और चौटाला को 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान पैरोल बीच में खत्म कर वापस जेल जाना पड़ा था।
बता दें, ओमप्रकाश चौटाला ने 70 फीसद दिव्यांगता, 84 साल की उम्र सहित तय सजा में से आधी काटने को रिहाई के लिए आधार बना आवेदन किया है और दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को चौटाला की मांग पर चार सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार केजरीवाल चाहते हैं कि जेल से आकर चौटाला राजनीतिक गतिविधि से दूर रहें।
पेसमेकर लगने से 10 फीसद दिव्यांगता होती है या नहीं
दिल्ली सरकार चौटाला के इस दावे की भी स्वास्थ्य विभाग से जांच करा रही है कि पेसमेकर लगवाने से क्या व्यक्ति में 10 फीसद दिव्यांगता आ जाती है। चौटाला ने हाई कोर्ट में दावा किया है कि वह 60 फीसद दिव्यांग तो बचपन से ही हैं और जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगने के बाद 10 फीसद दिव्यांगता बढ़ गई है।