जुमे की नमाज के बाद भाषण नहीं दे पाएगा हाफिद सईद, पाकिस्तान ने लगाई रोक
मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर में जमात -उद-दवा (जेयूडी)के मुख्यालयों में जुमे की नमाज के बाद संबोधन करने पर रोक लगा दी गई है. हाल के वर्षों में शायद ऐसा पहली बार है कि सईद लाहौर में होने के बावजूद भी जेयूडी मुख्यालय जामिया मस्जिद कदसिया में जुम्मे का संबोधन नहीं दे पाएगा.
सईद को कभी भी जुम्मे का संबोधन देने से नहीं रोका गया, उस दौर में भी नहीं, जब मस्जिद कदसिया का नियंत्रण पंजाब सरकार के हाथों में था. पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पंजाब पुलिस ने जामिया मस्जिद कदसिया को सील कर दिया है. सईद को शुक्रवार को अपना साप्ताहिक संबोधन देने के लिए परिसर में घुसने नहीं दिया जाएगा. ’’
जेयूडी और एफआईएफ के मुख्यालयों को किया गया सील
उन्होंने कहा, ‘‘सईद ने पंजाब सरकार से उसे कदसिया मस्जिद में शुक्रवार को संबोधन देने की इजाजत देने का अनुरोध किया लेकिन अनुरोध ठुकरा दिया गया. यह सईद के प्रभाव को देखते हुए बड़ा अहम माना जा रहा है क्योंकि पहली बार सरकार ने उसे संबोधित करने से मना किया है .’’पाकिस्तान प्रशासन ने प्रतिबंधित संगठनों पर वर्तमान कार्रवाई के तहत गुरुवार को यहां जेयूडी और एफआईएफ के मुख्यालयों को सील कर दिया और 120 से अधिक आतंकवादियों को हिरासत में ले लिया.
विदेशी आतंकवादी संगठन है लश्कर-ए-तैयबा
जेयूडी को लश्कर-ए-तैयबा का अग्रिम संगठन माना जाता है. लश्कर ए तैयाबा मुम्बई हमले के जिम्मेदार है जिसमें 166 लोगों की जान चली गई थी. अमेरिका ने जून, 2014 में लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पाकिस्तान ने हाफिज सईद से पूछताछ करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक टीम का वीजा अनुरोध ठुकरा दिया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची से अपना नाम हटवाने के लिए सईद की ओर से दायर अर्जी के सिलसिले में यह टीम पाकिस्तान में जमात-उद-दावा प्रमुख से पूछताछ करना चाह रही थी. संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख सईद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत दिसंबर 2008 में पाबंदी लगाई थी. मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उसे प्रतिबंधित किया था. मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे. नवंबर 2017 में पाकिस्तान में उसे नजरबंदी से रिहा किया गया था.