जम्मू कश्मीर में 30 दिन में 22 वीरों ने पिया शहादत का जाम
जम्मू कश्मीर में तबाही, बर्बादी के लिए पाकिस्तान चाहे जितना भी जोर लगा ले, मातृभूमि के लिए मर मिटने का जज्बा रखने वाले वीर सैनिक, सुरक्षा बल देश की एकता अखंडता पर आंच नहीं आने देंगे। यह संदेश राज्य में देश के विभिन्न हिस्सों के 22 वीरों ने अपनी शहादत के जरिए दिया है। ये वीर राज्य में आतंकियों व सीमा पर पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। जम्मू कश्मीर में 30 दिन में सेना, सीमा सुरक्षा बल व जम्मू कश्मीर पुलिस ने पड़ोसी देश के मंसूबों को नाकाम बनाते हुए बहादुरी की मिसाल कायम की है।
जम्मू कश्मीर में रमजान शुरू होने से पहले ही मई के दूसरे सप्ताह से पाकिस्तान की शह पर काम करने वाले आतंकियों ने हमले तेज कर दिए थे। 15 मई से पाकिस्तान ने राज्य में सक्रिय देश विरोधी तत्वों का हौसला बढ़ाते हुए जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी। दुश्मन को कड़ा संदेश देने के लिए सेना, सुरक्षा बल के वीर भी जान हथेली पर लेकर लड़े। ऐसे हालात में मई के दूसरे सप्ताह से अब तक श्रीनगर में सेना की बादामी बाग छावनी ने वीरगति को प्राप्त अपने सात जवानों को तिरंगे में लपेट कर घर भेजा। इनमें औरंगजेब, मानवेंद्र सिंह, शम्मी सिंह, सुखविन्द्र सिंह, रमन कुमार, विक्रम सिंह व दीपक शामिल थे।
आतंकियों से लड़ने में राज्य पुलिस भी पीछे नहीं रही। इस अरसे में आतंकी वारदातों में 7 पुलिस कर्मी शहीद हुए। कश्मीर निवासी इन पुलिस कर्मियों को शहीद कर पाकिस्तान व उसकी शह पर काम कर रहे आतंकियों ने क्षेत्र के युवाओं को सेना, सुरक्षाबलों, पुलिस से दूरी बनाने की चेतावनी दी। इससे संकेत भी गया आतंकी उनके मंसूबों को नाकाम बना रहे कश्मीर के पुलिस कर्मियों से डरते हैं। इसी लिए वे पीछे से उन पर वार कर रहे हैं। कश्मीर में सेना व पुलिस आतंकियों से लोहा ले रही है तो सीमा सुरक्षा बल जम्मू संभाग के तीन जिलों में फैली अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) से दुश्मन को दूर करने के लिए प्राणों की आहूति दे रही है। आइबी पर 15 मई से पाकिस्तान की भारी गोलाबारी का जवाब देते हुए आठ सीमा प्रहरियों ने अपनी जान कुर्बान की।
ऐसे में जम्मू में सीमा सुरक्षा बल के फ्रंटियार मुख्यालय में शहीदों को सलामी देने के लिए पांच बार भीड़ जुटी। जम्मू में देश की सरहद की रक्षा करते प्राणों की आहूति देने वाले सीमा सुरक्षा बल के इन बहादुरों में असिस्टेंट कमांडेंट जितेन्द्र सिंह, सब इंस्पेक्टर रजनीश कुमार, सहायक सब इंस्पेक्टर राम निवास, कांस्टेबल हंसराज, सत्य नारायण, विजय यादव, सीता राम उपाध्याय व देवेन्द्र सिंह बघेल आदि शामिल हैं।