आधी आबादी से हारी खाकी, पांच महीने में सिर्फ चार महिलाओं के Helmet के चालान
लखनऊ खाकी से भले ही अपराधी खौफ खाते हैं, लेकिन महिलाओं के आगे खाकी भी बेबस नजर आ रही है। यह हम नहीं आंकड़े कह रहे हैं। यही कारण है कि पांच महीने में महिलाओं के सिर्फ चार हेलमेट के चालान किए गए। राजधानी में चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट लगाए महिलाओं को विशेष छूट क्यों दी जा रही है? चालान तो छोड़िये, आखिर पुलिसकर्मी उन्हें देखकर दूसरी तरफ मुंह क्यों फेर लेते हैं? छठा महीना आते ही महिलाओं के हेलमेट के चालान की संख्या चार से बढ़कर 18 पहुंच गई, वहीं छह महीने में पुरुषों के हेलमेट के रिकॉर्ड 60,811 चालान हुए।
केस- 1
स्मृति वाटिका के पास पुलिस चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट लगाए दुपट्टे से मुंह ढके एक युवती को देखकर ट्रैफिक सिपाही उन्हें रोकने की हिम्मत दिखाता है, लेकिन ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर अपने मातहत को यह कहकर रोक देते हैं कि क्यों पचड़े में पड़ना चाह रहे हो, इसके बाद युवती को जाने दिया जाता है।
केस- 2
कैसरबाग बारादरी के पास बिना हेलमेट लगाए स्कूटी सवार दो महिलाएं पुलिसकर्मियों को देखकर खुद रुक गईं, चेकिंग में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनसे यह तक नहीं कहा कि हेलमेट लगाकर चलिये, उनका चालान करना तो दूर की बात। इसके बाद दोनों महिलाएं चली गईं।