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लखनऊ इमामबाड़े में स्कर्ट पर रोक से पर्यटक भड़के, कई महिला पर्यटकों को प्रवेश न मिलने के कारण निराश लौटना पड़ा

गोमतीनगर से बड़े इमामबाड़े का दीदार करने पहली बार पहुंची पांच साल की अराइना को पहनावे के कारण रोक दिया जाएगा। अराइना जैसी दर्जनों बच्चियों समेत महिलाओं को उनके परिधानों के कारण इमामबाड़े में प्रवेश नहीं मिला। हुसैनाबाद ट्रस्ट की बैठक में डीएम की ओर से निर्देश दिए गए कि इमामबाड़े में शालीन कपड़े पहनकर कर ही प्रवेश मिल सकेगा। शॉर्ट्स या स्कर्ट पहन कर महिलाओं को इमामबाड़े या छोटे इमामबाड़े में प्रवेश नहीं मिलेगा जिसके बाद छुट्टी के दिन पहुंची महिला पर्यटकों को प्रवेश न मिलने से उनमें हताशा दिखी।

पर्यटकों के गुस्से का कर्मचारी भी शिकार

निर्देशों के जारी होने के बाद इमामबाड़े में सैर सपाटा करने पहुंचे पर्यटकों ने परिसर में आदेश बोर्ड न पाने पर कर्मचारियों पर भड़क उठे। इममाबाड़े के कर्मचारी शादाब हैदर ने बताया कि प्रशासन की ओर से निर्देश तो दिए गए पर अभी तक नोटिस बोर्ड पूरे परिसर में नहीं लगाए गए जिसके कारण कर्मचारियों को  पर्यटकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा।

 

पहले भी हो चुका है विवाद

हुसौनाबाद ट्रस्ट ने तीन वर्ष पहले इमामबाड़े में प्रवेश को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे। उस समय प्रशासन से अनुमति नहीं ली गयी थी। इसका काफी विरोध हुआ था। महिलाओं के सिर पर दुपट्टा, परिसर के बाहर चप्पल जूते उतरवाना, कैमरों को जमा करवाना जैसे मुद्दों पर काफी विवाद हो चुका है।

बातचीत

मासूम बच्चियों समेत महिलाओं ने उठाए सवाल

दस साल की अलाया ने बताया कि मैं यहां पहली बार आई हूं। पर मुझे अंदर जाने नहीं दिया गया गाइड अंकल ने बोला कि बेटा आपके शॉट्र्स पहने हो नहीं जा सकते। मैं अब कभी नहीं आउंगी। बच्चों के शॉटर्स पहनने पर क्या अल्लाह नाराज़ हो जाएंगे? घर में पहनती नामाज़ भी अदा करती जो अल्लाह पाक कबूल करते हैं।

ये हुक्मरानों के ही बनाए बेतुके नियम हैं

आलमबाग की अंकाक्षा यादव का कहना है कि परिधानों से आस्था को जोड़ना अच्छा नहीं है। यह धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है। ऐसे में केवल महिलाओं पर रोक यह उचित नहीं है। ईश्वर नहीं कहता ये हुक्मरानों के बनाए बेतुके नियम हैं।

महिला पर्यटकों को परेशानी

 

मुम्बई से आई प्रियंका शर्मा ने बताया कि धार्मिक तर्क अच्छा है। सभी लोग इसका पालन करेंगे लेकिन मुझे लगता है कि महिला पर्यटकों को इस नियम के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। पर्यटक स्थल पर इस नियम को लागू नहीं करना चाहिए केवल इमामबाड़े के उस एरिया को चिन्हित कर वहां पर इसको लागू करना चाहिए।

ऐसे तो युवतियां नहीं आएंगी

यहियागंज की शमायला ने बताया कि बच्चों के परिधानों पर रोक-टोक बुरी बात है। ऐसे नियमों के चलते युवतियां और महिलाएं पर्यटन स्थल पर नहीं आएंगी।

विदेशी सैलानियों की बढ़ेंगी मुश्किलें

नेपाल से आई अस्मिता ने बताया कि विदेशी सैलानियों के लिए ऐसे नियमों से मुश्किलें बढ़ जाएंगी। क्योंकि इमामबाड़ा सैलानियों की पहली पसंद है। परिधान के अनुसार महिलाओं को प्रवेश मिलने से दु:खी हूं।

यह प्रशासन की जबरदस्ती है

जानकीपुरम की ममता मौर्या ने कहा कि प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देश समाज में महिलाओं को पीछे धकेल रहे। सिर्फ महिलाओं के लिए क्यों? लड़के भी तो  शॉर्ट्स पहन कर आते हैं। उन पर पाबंदी क्यों नहीं लगाते?

 

प्रशासन की नीति पर सवाल उठाए

पर्यटकों का कहना था कि धार्मिक स्थल के सभी दिशा-निर्देशों को पालन करेंगे। पर पर्यटकों ने प्रशासन की दोहरी नीति पर सवाल उठाते कहा कि यहां परिसर में सजने वाली खाने-पीने की दुकानें, टिकट काउंटर, गाइड की सुविधा यह सब व्यवसाय के घेरे में आते हैं। ऐसे में वहां ऐसे निर्देशों को देने पर प्रशासन को दोबारा विचार करना चाहिए।

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