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समीक्षा अधिकारी की पिटाई, चार घंटे प्रदर्शन, सीओ के खेद पर निपटा मामला

सचिवालय के समीक्षा अधिकारी की पिटाई मामले में कैसरगंज क्षेत्राधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को लोकभवन सचिवालय में करीब चार घंटे प्रदर्शन चला। देर रात अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी की मौजूदगी में सभी संबंधित पक्षों के बीच वार्ता हुई। क्षेत्राधिकारी कैसरबाग अमित राय ने यहां खेद व्यक्त किया, इसके बाद मामला शांत हुआ। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए शासन स्तर से लखनऊ जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

मंगलवार को कैबिनेट बैठक शुरू होने के समय ही सचिवालय के विभिन्न भवनों से सैकड़ों कर्मचारी लोकभवन पहुंच गए। यहां कर्मी सीओ के खिलाफ ग्राम्य विकास विभाग के समीक्षा अधिकारी मनोज प्रजापति की पिटाई व सचिवालय परिचय पत्र रौंदने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मी काफी देर तक सीओ कैसरबाग के निलंबन व विभागीय कार्रवाई तथा समीक्षा अधिकारी पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग करते रहे।  कैबिनेट बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कर्मियों के बीच पहुंचकर आरोपी सीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन सचिवालय कर्मी निलंबन तक आंदोलन से न हटने की जिद पर डटे रहे। इस बीच कानून मंत्री ब्रजेश पाठक भी कर्मियों के पास पहुंचे और कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। लोकभवन में धरना-प्रदर्शन की जानकारी मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने अफसरों को तलब किया। इसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह ने कर्मचारी नेताओं को कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया और आंदोलन समाप्त हुआ।

 

रात में अपर मुख्य सचिव गृह की बैठक में बनी बात

रात में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में लखनऊ के डीएम, एसएसपी, सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र, सचिव ओंकारनाथ तिवारी, अध्यक्ष कंप्यूटर सहायक एवं सहायक समीक्षा अधिकारी संघ संजय यादव आदि के बीच वार्ता हुई। यहां सीओ कैसरबाग ने पीड़ित समीक्षा अधिकारी के मामले में खेद व्यक्त किया। समीक्षा अधिकारी से कार-विवाद से जुड़े गुरुजोत ने विवाद समाप्त करने का आग्रह किया। इसके बाद इस प्रकरण को समाप्त घोषित कर दिया गया। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सचिवालय कर्मियों की सुरक्षा की सचिवालय संघ की मांग पर निर्णय हुआ है कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए डीएम व एसएसपी लखनऊ को शासन से समुचित निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा आगे कोई इस तरह की घटना न हो इसके लिए एक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

क्या था मामला

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