ट्रेनों की लेटलतीफी से हो रही किरकिरी से सबक लेते हुए रेलवे ने कई नई योजनाएं तैयार की हैं। समय की पाबंदी, सफाई और कैटरिंग व्यवस्था को सुधारने के लिए रेलवे के सभी जोन प्रमुखों के साथ बैठक कर इस समस्या का हल निकाला जा रहा है। सोमवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि समय की पाबंदी के लिए किसी भी प्रकार से सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
रविवार को मेगा ट्रैफिक ब्लॉक कर छुट्टी वाले दिन ही सिग्नल व्यवस्था, ट्रैक सुधार, विद्युतिकरण समेत अन्य काम किया जाए। जहां बॉटल नेक की समस्या है वहां एलिवेटेड ट्रैक, बाइपास रेल ट्रैक व तीसरी-चौथी लाइन बनाकर ट्रेनों को वास्तविक समय पर चलाया जाएगा।
हालांकि ट्रैफिक ब्लॉक के कारण अगले एक साल तक यात्रियों को परेशान होना पड़ेगा, क्योंकि निर्माण कार्य के कारण ट्रेनें अपनी रफ्तार में नहीं चल पाएंगी। इसके अलावा यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाने, जीपीएस सिस्टम से ट्रेन व कैटरिंग को लैस करने की भी योजना तैयार की है।
ट्रेन लेट हुई तो रेलवे सफर में देगा खाना व पानी
ट्रेन अगर देरी से संचालित होती है तो रेलवे मुफ्त में खाना व पानी देगा। दरअसल रेलवे ने निर्माणकार्य को ध्यान में रख प्रतिदिन दो-तीन घंटे व रविवार को मेगा ट्रैफिक ब्लॉक लेने का निर्णय लिया है। इस दौरान अगर ट्रेन किसी भी स्टेशन पर रुकती है तो खाने के समय में यात्रियों को मुफ्त खाना दिया जाएगा। आईआरसीटीसी को अपनी तरफ से यात्रियों के लिए लंच और पीने के पानी की व्यवस्था करनी होगी। अनारक्षित श्रेणी वाले यात्रियों को खाना देने पर अभी रेल मंत्रालय विचार करेगा।
बकौल रेल मंत्री पीयूष गोयल ट्रैफिक ब्लॉक को समय-सारणी में ही शुमार कर दिया जाए ताकि यात्रियों को पता चल सके कि उनकी ट्रेन की स्थिति क्या है। उन्हें मोबाइल पर मैसेज भेजकर भी बताया जाएगा कि आपकी ट्रेन कितनी देरी से संचालित होगी। मुंबई की तर्ज पर पूरे रेलवे जोन में प्रतिदिन 2-3 घंटे का ट्रैफिक ब्लॉक व रविवार को 5-6 घंटे का मेगा ब्लॉक लिया जाएगा।
तीन साल बाद ही इलाहाबाद-मुगलसराय रूट पर रफ्तार से चलेगी ट्रेन
इलाहाबाद-मुगलसराय रूट पर चलने वाले यात्रियों को फिलहाल ट्रेनों की लेटलतीफी से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। रेलवे ने इस रूट पर तीसरी लाइन बनाने का निर्णय तो ले लिया है, लेकिन दो हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली इस तीसरी लाइन को तैयार होने में तीन साल का वक्त लगेगा। रेलवे ने इसी तरह के कई रूट को ढूंढ रहा है जहां बॉटल नेक की समस्या रहती है। यानी ट्रेनों की आवाजाही में परेशानी होती है। रेल मंत्री का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए एलिवेटेड ट्रैक, बाइपास ट्रैक और तीसरी व चौथी लाइन बनाकर समस्या का हल निकाला जाएगा।
रेल टर्मिनल पर अतिरिक्त कोच स्टैंड बाई में रखी जाएगी
समयबद्घता के पालन के लिए रेलवे ने यह निर्णय लिया है कि ट्रेनों की रवानगी के लिए अब आने वाली ट्रेन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल ज्यादातर जो ट्रेन आती है उसे ही वापसी दिशा में भेजा जाता है। ट्रेन की साफ-सफाई में भी छह घंटे का वक्त लग जाता है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा कोच निर्माण कर इस समस्या से समाधान ढूंढा जाएगा। रेलवे बोर्ड के यातायात सदस्य मोहम्मद जमशेद के अनुसार 700-800 नए कोच का निर्माण किया जाएगा। ये कोच उस वक्त कामगार साबित होगें जब आने वाली ट्रेन रास्ते में लेट हो रही हो।
स्वतंत्रता दिवस से बदल जाएगी ट्रेनों की समय-सारणी
पंद्रह अगस्त को रेलवे की नई समय-सारणी आने वाली है। इस साल की समय-सारणी काफी बदली हुई नजर आएगी। रेलवे ट्रैफिक ब्लॉक को समय सारणी में शुमार होने से कई ट्रेनों का समय बदल जाएगा। रविवार को चलने वाली ट्रेनों में करीब 6 घंटे तक बदलाव नजर आएगा। ब्लॉक के चलते कई ट्रेन परिवर्तित मार्ग से चलाने की भी सूचना दी जाएगी। नई ट्रेनों की भी कम ही गुंजाइश देखने को मिलेगी। इसके साथ ही कई मालगाड़ियों का भी समय-निर्धारित किया जाएगा।