प्रॉपर्टी डीलर को गोली मारने में चार गिरफ्तार, साजिश में मां-बेटी भी
लखनऊ, प्रॉपर्टी डीलर और बिहार पुलिस के वांछित गोरख ठाकुर पर गोली चलाने के मामले में महिला और युवती सहित छह लोग शामिल थे। जीआरपी ने महिला और युवती के साथ दो सह अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि मुख्य हमलावर और उसका साथी फरार हैं। बिहार में ठेके हासिल करने के लिए गोरख ठाकुर पर हमला किया गया था। इसमें मुख्य हमलावर की प्रेमिका और मां ने वीडियो कॉल करके गोरख ठाकुर को फंसाया था।
बिहार के नरकटियागंज पालिका परिषद के ठेकों पर गोरख ठाकुर का पिछले सात साल से कब्जा है। इसी वर्चस्व को तोडऩे के लिए फिरदौस उर्फ शादाब अख्तर और उसके साथी मिक्ताउल से मिलकर गोरख ठाकुर की हत्या करने की योजना बनाई। लखनऊ में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंंग करने वाले फिरदौस को पता चला कि जिस गोरख ठाकुर को बिहार पुलिस ढूंढ रही है। वह लखनऊ के निलमथा में वीरेंद्र ठाकुर के नाम से रह रहा है।
फिरदौस ने गोरख ठाकुर को सुुनसान जगह बुलाकर हत्या की योजना बनाई। इसके लिए फिरदौस ने अपनी महिला मित्र माही और उसकी मां मिराज खातून को फर्जी आइडी पर सिमकार्ड दिलवाकर गोरख ठाकुर को जाल में फंसाया। इसके बाद हत्या की योजना बनाकर फिरदौस, उसका साथी मिक्ताउल, चचेरा भाई मेहराजुद्दीन, माही उसकी मां मिराज खातून 29 जून को चारबाग के रतन दीप होटल में रुके। फिरदौस ने 30 जून को मानकनगर निवासी मित्र मेहराजुल की मदद से हत्या के लिए एक बाइक व पांच देसी तमंचे की व्यवस्था करवाई। दो जुलाई को मिराज ने गोरख ठाकुर को फोन कर चारबाग बुलाया।
लखनऊ जंक्शन पर मिराज खातून और माही ने गोरख ठाकुर को बातों में फंसाए रखा, जबकि फिरदौस और मिक्ताउल ने बाइक पर आकर गोरख ठाकुर को गोली मार दी। घटना के बाद माही और मिराज खातून मेट्रो स्टेशन के अंदर गए कुछ दूर जाकर उतर गए और फिर कोलकाता वापस चले गए। जबकि मेहराजुद्दीन अपने लखनऊ में किराए के घर चला गया। फिरदौस और मिक्ताउल दिल्ली चले गए।
ऐसे पहुंची करीब
जीआरपी ने गोरख ठाकुर के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली। उसका पता कोलकाता का मिला तो मिराज खातून तक जीआरपी पहुंच गई। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो सारा मामला सामने आ गया। मुख्य हमलावर फिरदौस के खिलाफ लखनऊ के गुडंबा थाना में कई मामले दर्ज हैं। वह अब भी कई मामलों में वांछित चल रहा है।