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ICC CWC 2019: एमएस धौनी को नंबर 7 पर भेजने का फैसला किसका था

आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया की 18 रनों से हार के बाद हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के चेहरे पर मायूसी है। टीम के खिलाड़ी भी दुखी हैं। इस बीच टीम इंडिया की हार पर पूर्व क्रिकेटरों से लेकर प्रशंसकों के द्वारा मैच की समीक्षा जारी है। कोई मोहम्मद शमी को टीम अंतिम एकादश में नहीं रखनपे के लिए कोच रवि शास्त्री और ​कप्तान विराट कोहली की आलोचना कर रहा है, तो कोई भारत की हार के लिए ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या को दोषी ठहरा रहा है कि ये दोनों ही बल्लेबाज खराब शॉट खेलकर आउट हुए।

धौनी को नंबर 7 पर बल्लेबाजी के लिए किसने भेजा?
हालांकि, जो एक बात सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है वह है मैच में धौनी की बैटिंग पोजिशन। सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण भी इस मुद्दे पर एकराय हैं। इन पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों की मानें तो एमएस धौनी को सेमीफाइनल मुकाबले में नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए भेजना चाहिए था। जिससे वह एक छोर संभालकर ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या जैसे खब्बू बल्लेबाजों से संभलकर खेलने के लिए कहते रहते। लेकिन धौनी को नंबर सात पर भेजने का निर्णय था किसका? कप्तान विराट कोहली का, कोच रवि शास्त्री का या बैटिंग कोच संजय बांगड़ का?

बैटिंग कोच संजय बांगर की सलाह के बाद ही महेंद्र सिंह धौनी को नंबर सात पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। बीसीसीआई प्रशासकों की समिति विश्व कप सेमीफाइनल में मिली हार के बाद  कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली के साथ समीक्षा बैठक करेगी। जिसमें  बांगड़ की सलाह पर धौनी को 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजे जाने पर बहस होने की पूरी संभावना है। खबर के मुताबिक, प्रशासकों की समिति यह जानना चाहती है कि आखिर टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने बांगड़ की सलाह क्यों मान ली। सेमीफाइनल मुकाबले से पहले धौनी नंबर 5 पर बल्लेबाजी कर रहे थे।

धौनी और जडेजा ने जगा दी थी जीत की उम्मीद
गौरतलब है कि बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को 18 रन के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। बारिश के कारण रिजर्व डे तक चले इस मैच में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड को 239 के स्कोर पर रोक दिया था। लेकिन बल्लेबाजी में शीर्ष और मध्यक्रम के खराब प्रदर्शन के कारण भारतीय टीम को मैच में हार का सामना करना पड़ा। भला हो रवींद्र जडेजा और महेंद्र सिंह धौनी का जिन्होंने 7वें विकेट के लिए 116 रन की साझेदारी कर मैच में भारत की उम्मीद जिंदा रखी, नहीं तो टीम इंडिया ने अपने 6 विकेट सिर्फ 94 के स्कोर पर गंवा दिए थे।

 

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