भविष्य की टीम मैनेजमेंट की योजनाओं का हिस्सा नहीं हैं धोनी!
विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद से महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने की अटकलें बदस्तूर जारी हैं. पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भले ही अभी संन्यास के बारे में न सोच रहे हों, लेकिन इस बात के पूरे संकेत मिलने शुरू हो गए हैं कि अब महेंद्र सिंह धोनी का करियर करीब-करीब खत्म हो चुका है.
इस बार के वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी को लेकर काफी बहस छिड़ी रही. विश्व कप में जिस तरह से महेंद्र सिंह धोनी ने धीमी पारी खेली उससे धोनी की बल्लेबाजी पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीसीसीआई से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि पूरे वर्ल्ड कप में धोनी की धीमी बल्लेबाजी को देखते हुए मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद जल्द ही उनसे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि वह खुद संन्यास नहीं लेते हैं तो शायद उन्हें टीम में ऑटोमेटिक ही नहीं लिया जाएगा. उन्होंने इशारों ही इशारों में यह संकेत दे दिए हैं कि अब धोनी टीम चयन की योजना में शामिल नहीं हैं.
रिपोर्ट में बीसीसीआई से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहा गया है, ‘हमें (बोर्ड अधिकारी) इस बात से हैरानी हैं धोनी ने अब तक ऐसा नहीं किया है. ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी उनकी जगह लेने का इंतजार कर रहे हैं. जैसा कि हमने विश्व कप में देखा धोनी अब आक्रामक बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे हैं. नंबर 6 या 7 पर उतरने के बावजूद वह रन को बढ़ाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. जो टीम के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है.
उन्होंने बताया कि इसी के चलते उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि 2020 के टी 20 विश्व कप के लिए टीम चयन योजना में उनकी कोई जगह होगी. धोनी जैसे बड़े खिलाड़ी के करियर में वह दौर आए, उससे पहले ही उन्हें संन्यास लेने पर विचार कर लेना चाहिए.
हालांकि इससे पहले खबर आई थी कि धोनी और चयनकर्ताओं के बीच वर्ल्ड कप के बाद संन्यास को लेकर कोई बात नहीं हुई थी. उन्होंने कहा, ‘हम उनका ध्यान भटकाना नहीं चाहते थे. हम चाहते थे कि धोनी वर्ल्ड कप पर अपना पूरा ध्यान लगाएं. लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें कोई फैसला ले लेना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि धोनी के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हासिल करने के लिए अब कुछ नहीं बचा है. उन्हें जो कुछ भी हासिल करना था वह कर चुके हैं, इसलिए उन्हें नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए.