सावधान! राजधानी में भी चल रहे फर्जी शिक्षा बोर्ड
राजधानी लखनऊ में फर्जी शिक्षा बोर्ड चलाए जा रहे हैं। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा परिषद जैसे मान्य शिक्षा बोर्ड से मिलते जुलते नाम लेकर छात्रों को गुमराह किया जा रहा है। ये ऐसे शिक्षा बोर्ड हैं जिनके संचालकों को कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन यह जालसाज फर्जी शिक्षा बोर्ड का सारा खेल ऑनलाइन चल रहा हैं। आपके अपने प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में यह सच सामने आया है। कि यह फर्जी बोर्ड सीधे साधे बच्चों को 5 से 10 हजार रुपये में 10वीं और 12वीं की मार्कशीट बचे रहे हैं।
उप्र राज्य मुक्त विद्यालयी परिषद
पहले इस फर्जी शिक्षा बोर्ड का संचालन फरीदीनगर में किया जाता था। फरवरी 2018 में इस फर्जी शिक्षा बोर्ड के संचालक राजमन गौड़ समेत सात सदस्यों की गिरफ्तारी हुई। अब इसका संचालक प्रयागराज में किया जा रहा है।
राजकीय मुक्त विद्यालयी संस्थान
इसके नाम से शहर में दो फर्जी शिक्षा बोर्ड चल रहे हैं। www. riosup. org वेबसाइट से छात्रों को फंसाया जा रहा है। इस परपता फूलबाग व विकासनगर में दिखाया गया है। वेबसाइट पर प्रदेश सरकार के लोगों के साथ कई दस्तावेज भी डाले गए हैं।
बोर्ड ऑफ हायर सेकंडरी एजुकेशन
शहर में चार अलग-अलग जगहों से बोर्ड ऑफ हायर सेकंडरी एजुकेशन दिल्ली के नाम पर फर्जी बोर्ड चल रहा है। www. bsedelhi. net, www. bhseboarddelhi. net, www. bhsedelhiboard. net, www. bhsedelhiup. org पर खेल हो रहा है।
मुक्त विद्यालय संस्थान
नोएडा से एक मुक्त विद्यालय संस्थान का संचालन किया जा रहा है। इसकी वेबसाइट www. upos. in नई दिल्ली के सागर पुर इलाके में रहने वाले मनमोहन के नाम पंजीकृत है। इसके अलावा, दिल्ली से संचालित एक फर्जी ओपन बोर्ड ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान छात्रों के भविष्य से खेल रहा है।
नको विभाग ने बताया फर्जी
परिषद ने माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली, बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन मध्य भारत ग्वालियर, माध्यमिक शिक्षा परिषद कांठ शाहजहापुर को अमान्य करार दिया था।
यहां पता चलेगी सच्चाई
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने www. upmsp. edu. in पर मान्य संस्थाओं के नाम अपलोड किए।
कोबसे : यह देश के सभी मान्य शिक्षा बोर्ड की एक संस्था है। इसकी वेबसाइट पर सभी की सूची अपडेट है।
बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर सूचना अपडेट की है। बोर्ड की सूची से अगर किसी भी संस्था की परीक्षाएं मान्य नहीं होती। ऐसे में बोर्ड में दाखिला लेने से पहले उसकी जानकारी अवश्य कर लें।
डॉ. मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक