ईस्टर हमला: इस्लामिक संगठन का नहीं था हाथ? सिरिसेना के दावे से सवाल
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श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने ईस्टर के दौरान हुए आत्मघाती हमलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ड्रग गैंग को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इससे पहले हमले के लिए इस्लामिक चरमपंथी संगठन को दोषी कहा जाता रहा है.
राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह ड्रग तस्करों के लिए मृत्युदंड की सजा के पक्ष में कैंपेन चला रहे हैं.
अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय कट्टरपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (NJT) चर्च और होटलों में हुए आत्मघाती हमलों के लिए जिम्मेदार है. बाद में इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
सिरिसेना के कार्यालय की तरफ से कहा गया था कि 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर पर्व के मौके पर हुए हमलों के पीछे स्थानीय आतंकवादी और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन जिम्मेदार थे. लेकिन सोमवार को जारी हुए ताजा बयान में सिरिसेना ने कहा कि हमलों को अंतरराष्ट्रीय ड्रग डीलर्स ने अंजाम दिया था.
सिरिसेना ने कहा, ड्रग माफियाओं ने ड्रग के खिलाफ चलाए गए मेरे अभियान को हतोत्साहित करने के लिए और मेरी विश्वसनीयता छीनने के लिए आतंकी हमलों की साजिश रची.
सिरिसेना गठबंधन सरकार की मृत्युदंड की सजा को खत्म करने की कोशिशों के खिलाफ है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति के इन दावों को खारिज कर दिया. सुदर्शन गुणवर्धन ने एएफपी से बातचीत में कहा, पुलिस ने दो हफ्तों के भीतर ही अपनी जांच पूरी कर ली थी. इसमें कहीं भी ड्रग डीलर्स का जिक्र नहीं हुआ था. हमारे पास जांचकर्ताओं पर शक करने की कोई भी वजह नहीं है.
उन्होंने कहा, न्याय प्रक्रिया तेज करना ड्रग तस्करों के लिए मृत्युदंड से बड़ी सजा तेज होगी. हमें नहीं लगता है कि लोगों को फांसी पर लटकाने से समस्या सुलझ जाएगी, खासकर जब किसी को दोषी ठहराने में ही कई दशक लग जाते हों.
श्रीलंकाई कोर्ट हत्या या रेप जैसे गंभीर अपराधों के मामलों की सुनवाई पूरा करने में औसतन 17 वर्ष लगा देती हैं.
गुणवर्धन ने कहा कि विक्रमसिंघे ने मृत्युदंड का विरोध किया था क्योंकि यह यूनाइटेड नेशनल पार्टी की नीति के खिलाफ है. यहीं नहीं, संसद में इसे खत्म करने के लिए भारी समर्थन मिल रहा है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 21 अप्रैल के आत्मघाती हमलों की जांच अभी तक चल रही है और जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे सभी श्रीलंकाई ही थे.
नाम ना छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एएफपी से कहा, हम इस आधार पर जांच आगे बढ़ा रहे
नाम ना छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एएफपी से कहा, हम इस आधार पर जांच आगे बढ़ा रहे हैं कि यह हमला सुनियोजित था और इसे श्रीलंकाई चरमपंथी मुस्लिमों के एक संगठन ने इसे अंजाम दिया था. हमले में शामिल हर शख्स या तो मर चुका है या फिर हमारी कस्टडी में है.
सिरिसेना मृत्युदंड को खत्म करने के खिलाफ जनसमर्थन जुटा रहे हैं. वह लोगों को विश्वास दिला रहे हैं कि फांसी देने से ही अवैध ड्रग व्यापार रुकेगा.
सिरिसेना ने अपने एक बयान में कहा, अगर सरकार मृत्युदंड की सजा को खत्म करने के लिए कानून लाती है तो मैं उस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित कर दूंगा.
सिरिसेना ने बताया था कि शीर्ष बौद्ध भिक्षु ओमाल्पे सोबिता ने उन्हें सलाह दी थी कि फांसी की सजा जारी रहनी चाहिए और ड्रग्स के खिलाफ जंग किसी भी सूरत में रुकनी नहीं चाहिए.