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कर्नाटक: फ्लोर टेस्ट से पहले जेडीएस ने 3 बागियों पर लगाया दल-बदल विरोधी कानून

बेंगलुरु  -कर्नाटक में सरकार के भविष्य का फैसला करने के लिए सबकी नजरें आज विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर टिकी हैं। इस बीच जेडीएस ने अपने तीन बागी विधायकों पर दल-बदल विरोधी कानून लागू कर दिया है। अब इसके आधार पर इन विधायकों को सदन में वोटिंग के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। उधर जेडीएस के विप जारी करने के बावजूद बागी विधायकों ने सदन में उपस्थित न रहने के अपने फैसले से पीछे हटने से साफ इनकार किया है।

सीएम कुमारस्वामी के सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले ही जेडीएस ने अपने तीन बागी विधायकों एच विश्वनाथ, गोपालैया और नारायण गौड़ा पर कार्रवाई करते हुए उन पर दल-बदल विरोधी कानून लागू किया है। यही नहीं, जेडीएस कुछ और विधायकों को अयोग्य ठहराने का विचार भी कर रही है।

कर्नाटक संकट LIVE: कांग्रेस-जेडीएस सरकार का फ्लोर टेस्ट आज, हर अपडेट

कांग्रेस विधायक ने वापस लिया इस्तीफा कांग्रेस के बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी ने अपनी इस्तीफा वापस ले लिया है जिससे सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों की संख्या अब 102 हो गई है, जिसमें नामित सदस्य भी हैं। हालांकि फिर भी यह सरकार बनाए रखने के जादुई आंकड़े 106 से दूर है और अगर स्पीकर केआर रमेश कुमार 15 बागियों के इस्तीफे स्वीकार कर लेते हैं तो सरकार के लिए मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ समय बाद ही जेडीएस ने अपने विधायकों को विप जारी कर सदन में विश्वास मत के दौरान उपस्थित रहने को कहा था। जेडीएस ने यह भी कहा कि जो विधायक इस दौरान अनुपस्थित रहेगा, उसे अयोग्य साबित करने के लिए दल-बदल कानून लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही का हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

अपने फैसले पर अडिग हैं बागी विधायक दूसरी ओर कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया सुप्रीम कोर्ट ने पार्टियों को विप जारी करने से नहीं रोका है। जबकि बीजेपी का कहना है कि बागी विधायक सदन कार्यवाही का हिस्सा बनने या शामिल न होने के लिए स्वतंत्र हैं। जेडीएस के विप जारी करने के बावजूद मुंबई में ठहरे बागी विधायकों ने विडियो जारी करते हुए कहा कि वह विधानसभा की कार्यवाही में शामिल न होने के लिए अपने फैसले पर दृढ़ हैं।

सदन से दूर रहने वाले जेडीएस विधायक को अयोग्य ठहराए जाने की चर्चा के बीच स्पीकर ने कहा कि पार्टियों द्वारा जारी किए गए विप और अवज्ञा के लिए अयोग्यता के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट बाद में देखेगी। उन्होंने कहा, ‘आज का फैसला सिर्फ अंतरिम फैसला होगा और कोर्ट शेड्यूल 10 से संबंधित सभी मुद्दों पर अंतिम फैसला देगी।’
शुक्रवार तक बहस जारी रखने की कोशिश में कांग्रेस-जेडीएस
गुरुवार को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी 11 बजे विश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं और इसी के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होने की संभावना है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि सदन में जेडीएस-कांग्रेस स्पीकर से उन सभी सदस्यों को इजाजत देने की गुहार लगाएंगी जो अविश्वास प्रस्ताव पर बोलना चाहते हैं। इससे विश्वास मत की तारीख एक दिन आगे बढ़ सकती है और कांग्रेस-जेडीएस को बागी विधायकों को अपने खाते में लाने की एक और कोशिश के लिए शुक्रवार तक का समय मिल जाएगा। वहीं बीजेपी की योजना एक ही दिन में बहस और वोटिंग करने की रहेगी।

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