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अयोध्याि विवादित ढांचा विध्वंस: SC ने कहा- आडवाणी, जोशी सहित सभी आरोपियों पर 9 माह में हो फैसला

नई दिल्‍ली,  अयोध्‍या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरोपियों भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी आदि पर चल रहे केस में 9 महीने के भीतर फैसला होना चाहिए। अयोध्या केस की सुनवाई कर रहे स्पेशल सीबीआइ कोर्ट, लखनऊ के जज एसके यादव का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली और लखनऊ की अदालत में लंबित इन दोनों मुकदमों को मिलाने और लखनऊ में ही इस पर सुनवाई का आदेश दिया था। आडवाणी, जोशी और उमा भारती सहित 13 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आपराधिक साजिश के आरोप हटा दिए गए थे। इसके बाद हाजी महबूब अहमद और सीबीआइ ने भाजपा नेताओं सहित 21 आरोपियों के खिलाफ साजिश के आरोप हटाने के आदेश को चुनौती दी थी।

 

अयोध्या केस की सुनवाई कर रहे स्पेशल सीबीआइ कोर्ट, लखनऊ के जज एसके यादव का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया है। दरअसल, ट्रायल कोर्ट जज 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं उन्होंने SC मे अर्जी देकर कहा था कि ट्रायल पूरा होने मे छह महीने और लगेंगे। कोर्ट ने जज का कार्यकाल बढाने पर यूपी से जवाब माँगा था। यूपी सरकार ने आज कोर्ट से कहा जज का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चाहते हैं जब तक ट्रायल पूरा न हो यही जज सुनवाई करें चाहें दो वर्ष का भी समय लगे। कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि वह हाईकोर्ट के परामर्श से ट्रायल जज का कार्यकाल बढ़ाए और मुख्य सचिव इस आदेश पर अमल का चार सप्ताह मे हलफ़नामा दाखिल कर बताएं।

बता दें किे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अयोध्या विवादित ढांचा गिराने की साजिश के मामले में उत्‍तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक यह बताने के लिए कहा था कि केस की सुनवाई कर रहे जज के सेवानिवृत्त होने पर क्या नियम और कानून हैं। दरअसल, इस केस की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज एसके यादव को 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होना है। इसलिए उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए छह महीने का और समय मांगा था।

गौरतलब है कि इस मामले में वरिष्‍ठ भाजपा नेता एलके आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी आरोपी है। इस मामले में ट्रायल 19 अप्रैल को खत्‍म होने है। वहीं रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल के चेयरमैन जस्टिस इब्राहिम कलीफुल्ला से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। ज्ञात हो कि कोर्ट ने बातचीत से समाधान की संभावना तलाशने के लिए पूर्व जज एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का गठन किया है। शीर्ष अदालत अब 25 जुलाई से मामले की रोजाना सुनवाई पर विचार करेगी।

 

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