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फ्लैट बेचकर आम्रपाली ग्रुप के मालिक रातोंरात बन गए थे करोड़पति, अब SC ने दिया संपत्ति जब्त करने का आदेश

लाखों लोगों को घर देने का सपना दिखाकर उसे पूरा नहीं करने वाले आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के मालिक के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का जिम्मा NBCC को सौंपा है. इससे पहले आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा और उसके दो अन्य डायरेक्टर्स को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर गिरफ्तार कर लिया गया था.
2003 में आम्रपाली ग्रुप को खड़ा होने से लेकर अब उसके खस्ताहाल होने के पीछे अनिल शर्मा की भूमिका प्रमुख है. कुछ सालों पहले तक कामयाबी की उड़ान भरने वाले अनिल कौन हैं? आइए आपको बताते हैं आम्रपाली के मालिक का अर्श से फर्श तक के सफ़र के बारे में.

चप्पल-जूते की इस कंपनी ने लोगों को बनाया करोड़पति!

आम्रपाली ग्रुप की शुरुआत 2003 में हुआ थी. जब कंपनी नोएडा में 140 फ्लैट्स की हाउसिंग स्कीम लाई थी. आईआईटी खड़गपुर से पढ़े अनिल ने आम्रपाली को सिर्फ 10 सालों में बड़ा नाम बना दिया था. इतने वक्त में कंपनी के साथ-साथ उनका कद भी बढ़ा. रियल एस्टेट कंपनियों का शीर्ष संगठन रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के वह अध्यक्ष बन चुके थे. महेंद्र सिंह धोनी जैसा स्टार क्रिकेटर उनका ब्रैंड ऐंबैसडर था. उस वक्त आम्रपाली ग्रुप अपना कारोबार एनसीआर के साथ-साथ भिलाई, लखनऊ, बरैली, वृन्दावन, मुजफ्फरपुर, जयपुर, रायपुर, कोच्चि और इंदौर तक में फैला रहा था.

आईआईटी पासआउट हैं आम्रपाली के मालिक

अनिल का जन्म पटना के पास के एक गांव में हुआ. शुरुआती पढ़ाई गांव में करने के बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया. अनिल के पिता उन्हें सिविल इंजिनियर बनाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने बीटेक और फिर आईआईटी से एमटेक की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने एनटीपीसी और एनपीसीसी के लिए काम किया और एलएलबी और एमबीए की डिग्री भी ली.

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नेता बनने की ख्वाहिश रखते हैं अनिल, फिल्म इंडस्ट्री में भी रोल

रियल एस्टेट, हेल्थ केयर के साथ अनिल ने राजनीति में भी हाथ आजमाया. उन्होंने 2014 में जेडीयू की टिकट पर जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बुरी तरह हार गए. उन्होंने राज्यसभा में भी जाने की कोशिश की, लेकिन वहां भी वह असफल रहे. इसके अलावा अनिल ने मीडिया कंपनी भी खोली. उसकी मदद से उन्होंने दो फिल्में भी बनाईं. इनके नाम थे ‘गांधी टू हिटलर’ और ‘आई डॉन्ट लव यू.’

चेक हुए बाउंस, धोनी हुए अलग

2014-15 के आसपास आम्रपाली का बुरा वक्त शुरू हुआ. उसके दिए चेक्स बाउंस होने लगे. इसके बाद होमबायर्स के प्रदर्शन शुरू हुए और लोगों ने जानना चाहा कि आखिर उनका दिया पैसा कहां गया. इसके चलते 2016 में धोनी भी कंपनी से अलग हो गए और उन्होंने कंपनी पर केस भी किया. फिलहाल आम्रपाली और होमबायर्स का केस फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है और अनिल शर्मा की सारी प्रॉपर्टी जब्त है. लेकिन उसे कोई खरीददार नहीं मिल रहा क्योंकि बैंक किसी को इन्हें खरीदने देने के लिए लोन नहीं दे रहे.

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